लखनऊ: भारतीय आंतरिक अनुसंधान संस्थान (इसरो) 14 जुलाई को चंद्रयान-3 मिशन लांच करेगा। इस अभियान को सफल बनाने के लिए जो टीम दिन रात काम कर रही है, उसमें लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा रितु करिधाल को अहम जिम्मेदारी मिली है। चंद्रयान-3 मिशन में अपनी पूर्व छात्रा को प्रतिनिधित्व मिलने पर लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति, शिक्षक व अधिकारी काफी खुश हैं।
लखनऊ विश्वविद्यालय की अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर पूनम टंडन ने बताया कि रितु करिधाल राजाजीपुरम की रहने वाली हैं। उन्होंने वर्ष 1991 में लवि में बीएससी भौतिक विज्ञान में प्रवेश लिया था। फिर 1996 में एमएससी भौतिक विज्ञान की डिग्री पूरी की। वह शुरू से ही मेधावी छात्रा रहीं। उनकी रुचि स्पेस फिजिक्स में थीं। उसके बाद उन्होंने पीएचडी भौतिक विज्ञान में भी प्रवेश लिया। लेकिन छह महीने के बाद ही वर्ष 1997 में उनका चयन इसरो में हो गया, जिसकी वजह से वह पीएचडी नहीं पूरी कर पाईं थीं।
2019 में लवि ने दी थी मानद उपाधि
लवि ने अपनी पूर्व छात्रा रितु करिधाल को वर्ष 2019 के दीक्षा समारोह में मानद उपाधि से सम्मानित किया था। समारोह के बाद रितु करिधाल ने मालवीय सभागार में छात्र-छात्राओं से भी रूबरू हुईं थीं। प्रोफेसर पूनम टंडन ने बताया कि रितु करिधाल चंद्रयान-2 में मिशन डायरेक्टर भी रही हैं। उन्हें इसरो में लंबा अनुभव है।
Bureau Report
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