नईदिल्ली: इसरो ने अपने तीसरे चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3’ को आज लॉन्च कर दिया है। चंद्रयान-3 को दोपहर 2:35 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से चंद्रमा की ओर भेजा गया। इस मिशन को लेकर न सिर्फ भारत, बल्कि दुनिया के तमाम देश नजर गड़ाए बैठे थे।
इस बीच लॉन्चिंग के दौरान दो आंखे ऐसी थी, जो अपना पुराना और अधूरा सपना पूरा होते हुए देख रहीं थी। हम बात कर रहे हैं इसरो के पूर्व अध्यक्ष और अंतरिक्ष वैज्ञानिक के सिवन की।
चंद्रयान-2 में दोनों ने निभाई थी अहम भूमिका
इसरो के पूर्व अध्यक्ष के शिवन आज चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के दौरान अपने अधूरे काम को पूरा होते हुए देख रहे थे। सिवन ने चंद्रयान-2 में अहम योगदान दिया था। उन्होंने ही विज्ञानिक के राधाकृष्णन के साथ मून मिशन की तैयारी की थी। सिवन की अध्यक्षता में ही चंद्रयान-2 लॉन्च किया गया था। हालांकि, तकनीकि खामियों के चलते वह सफल नहीं हो सका था।
PM Modi के गले लग रोने लगे थे के सिवन
इसरो के अध्यक्ष के रूप में सिवन ने 15 जनवरी 2018 से 14 जनवरी 2022 तक जिम्मेदारी निभाई। उनके अध्यक्ष रहते हुए जब साल 2019 के सितंबर में चंद्रयान-2 मिशन के लैंडर की सफल लैंडिंग नहीं हुई, तो वो भावुक हो गए थे। इस दौरान मौके पर मौजूद पीएम मोदी ने उन्हें गले लगा लिया था।
पीएम मोदी ने बांधा ढाढ़स
इस बीच पीएम मोदी ने सिवन को रोते देख उनका मनोबल बढ़ाया और गले लगाने के बाद पीठ थपथपाई। पीएम ने कहा कि विज्ञान में कुछ भी असफल नहीं होता है और हर कदम एक प्रयोग होता है। पीएम ने आगे कहा कि आप लोग एक बार फिर से तैयारी कीजिए, आपको कामयाबी मिलकर रहेगी। पीएम ने कहा था कि इस मिशन में मैं और मेरी सरकार हमेशा आपके साथ दिखेगी।
Bureau Report
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