I.N.D.I.A Alliance की बैठक में PM मोदी की ‘पिच’ पर नीतीश कुमार ने की बैटिंग, ताकती रह गईं सोनिया गांधी

I.N.D.I.A Alliance की बैठक में PM मोदी की 'पिच' पर नीतीश कुमार ने की बैटिंग, ताकती रह गईं सोनिया गांधी

विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस यानी I.N.D.I.A. की मंगलवार को दिल्ली में चौथी बैठक हुई. बैठक में अगले लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे पर चर्चा हुई. इसके साथ ही साझा जनसभाओं और नए सिरे से रणनीति बनाने समेत कई मुद्दों पर बात हुई. इस दौरान केजरीवाल और ममता बनर्जी ने मल्लिकार्जुन खरगे को पीएम पद का उम्मीदवार बनाने का प्रस्ताव भी रखा. लेकिन, बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कुछ ऐसा कह दिया, जिसे सुनकर सभी चौंक गए.

नीतीश की बात सुनकर ताकती रह गईं सोनिया गांधी

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने I.N.D.I.A. गठबंधन की बैठक में यह कहकर सभी नेताओं को चौंका दिया कि देश को भारत के नाम से जाना जाना चाहिए. जब कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने नीतीश कुमार की बात सुनी तो वह चकित हो गईं. नीतीश कुमार का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब मोदी सरकार द्वारा कई आधिकारिक कामकाज में ‘भारत’ का इस्तेमाल किया गया है. बता दें कि जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति भवन की तरफ से डिनर के लिए भेजे गए निमंत्रण पत्र में प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा गया था.

बीजेपी सांसद ने सबसे पहले की थी नाम बदलने की मांग

बता दें कि सबसे पहले बीजेपी सांसद नरेश बंसन ने इस साल जुलाई में मानसून सत्र के दौरान देश का नाम बदलने की अपील की थी. उन्होंने राज्यसभा में देश का नाम इंडिया से बदलकर भारत करने की मांग की थी. इस दौरान उन्होंने कहा था कि इंडिया नाम औपनिवेशिक गुलामी का प्रतीक है, इसे संविधान से हटा दिया जाना चाहिए. इंडिया शब्द ब्रिटिस ओपनिवेशिक शासकों द्वारा थोपा गया था. देश का असली नाम और प्राचीन नाम भारत है. इसलिए देश का नाम बदलकर भारत किया जाना चाहिए.

तो क्या नीतीश कुमार के हाथ कुछ नहीं लगेगा?

नीतीश कुमार ने एनडीए का साथ छोड़कर विपक्षी एकता को जोड़ने की शुरुआत की थी. इसके बाद चर्चा थी कि नीतीश कुमार विपक्षी एकता की तरफ से पीएम पद के उम्मीदवार हो सकते हैं. कई जेडीयू नेताओं ने भी नीतीश को पीएम उम्मीदवार बनाने की मांग करते रहे हैं. लेकिन, अब इंडिया गठबंधन की चौथी बैठक के बाद नीतीश कुमार के साथ कुछ भी लगता नहीं दिख रहा है. क्योंकि, ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री पद के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का नाम आगे बढ़ाया है.

तो क्या फिर से एनडीए के साथी बनेंगे नीतीश कुमार?

बिहार के सीएम नीतीश कुमार साल 2015 से कई बार अपना पाला बदल चुके हैं. ऐसे में हर वक्त इस बात की आशंका रहती है कि वह कभी भी पाला बदलकर दूसरे पाले में जा सकते हैं. हालांकि, अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन नीतीश कुमार के देश का नाम भारत किए जाने वाले बयान से एक बार फिर सवाल उठने लगा है कि क्या नीतीश कुमार एक बार फिर पाला बदलेंगे और एनडीए के साथी बनेंगे. इंडिया गठबंधन में उनका नाम आगे नहीं बढ़ाए जाने के बाद भी इसको बल मिला है.

नीतीश कुमार की पाला बदल राजनीति

नीतीश कुमार के पाला बदल राजनीति की शुरुआत साल 2015 में हुई थी. दरअसल, नीतीश कुमार लंबे समय तक एनडीए के साथी रहे, लेकिन 2013 नरेंद्र मोदी को पीएम उम्मीदवार बनाए जाने के बाद नीतीश ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया. 2014 में नीतीश की पार्टी जेडीयू ने अकेले चुनाव लड़ा, लेकिन सिर्फ 2 सीट ही जीत पाई. इसके बाद 2015 में नीतीश आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल हो गए और चुनाव जीतकर सीएम बने. लेकिन, 2 साल पूरे होने से पहले ही महागठबंध से अलग होकर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली. नीतीश ने 2020 के चुनाव में बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा, लेकिन जेडीयू को सिर्फ 45 सीटें ही मिलीं. इसके बावजूद नीतीश कुमार सीएम बने, लेकिन अगस्त 2022 में गठबंधन टूट गया. नीतीश एक बार फिर महागठबंधन में शामिल हो गए और मुख्यमंत्री बने.

Bureau Report

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