इसी आधार पर हिस्ट्रीशीटर को गुरुवार को नोटिस भेजा गया। छिबरामऊ तहसील प्रशासन के माध्यम से उसे यह नोटिस मेडिकल कॉलेज में तामील करा दिया है। उससे जवाब मांगा गया है। घर पर पुलिस के जवान की गोली मारकर जान लेने वाले विशुनगढ़ के धरनीधीरपुर नगरिया निवासी हिस्ट्रीशीटर अशोक यादव उर्फ मुनुआ की मुश्किलें बढ़नी शुरू हो गई हैं।
पहले ही पुलिस की जवाबी कार्रवाई में गोली लगने से घायल होकर वह अस्पताल में पड़ा है। उसके खिलाफ संगीन धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है। इसी क्रम में अब उसके आशियाना पर भी पुलिस प्रशासन की निगाह पड़ गई है। पुलिस और प्रशासन की टीम अलग-अलग बिंदुओं पर पड़ताल कर रही है।
राजस्व महकमे ने टीम की मदद से दो दिनों तक उसके मकान की पैमाइश कराई। फोरेंसिक टीम ने भी मकान की जांच कर वहां से कई सुबूत जुटाए हैं। उसके बाद अफसरों ने हर बिंदुओं पर मंथन के बाद यह पाया कि हिस्ट्रीशीटर मुनुआ ने मकान रिहायशी मकसद से नहीं बल्कि आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए बनाया था।
उस मकान की बनावट और सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था ने भी संदेह पैदा किया था। अब इन्हीं बिंदुओं पर पुलिस ने रिपोर्ट बनाई है। उसके बाद छिबरामऊ तहसील प्रशासन के माध्यम से हिस्ट्रीशीटर के नाम नोटिस जारी किया है।
एसपी बोले, कार्रवाई से पहले सभी कानूनी पहलुओं का पालन
एसपी अमित कुमार आनंद ने बताया कि जांच के बाद यह बात सामने आई है कि हिस्ट्रीशीटर ने मकान आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए बनाया था। ऐसे में उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उसके लिए कानून के सभी पहलुओं पर मंथन करने के बाद उसे नोटिस जारी की गई है। 30 दिसंबर तक का समय दिया गया है। उसके जवाब के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
ऐसे हुआ था पूरा घटनाक्रम
गौरतलब है कि कन्नौज जिले में विशुनगढ़ थाना क्षेत्र के धरनीधरपुर नगरिया में सोमवार की शाम हुई हिस्ट्रीशीटर और पुलिस की मुठभेड़ ने की अशोक यादव उर्फ मुनुआ को भी पुलिस की दबिश की सटीक जानकारी थी। वह अपने पुत्र और पत्नी के साथ ही पुलिस से मोर्चा लेने के लिए असलहों के साथ तैयार बैठा था। घर के बाहर अलग-अलग दिशाओं में लगाए सीसीटीवी कैमरे की मदद से वह अंदर बैठक कर ही पुलिस पर निगाह लगाए था।
पुलिस ने जैसे ही दस्तक दी, उसने गोली बरसानी शुरू कर दी। उसी फायरिंग के दौरान लगी गोली ने सिपाही सचिन राठी की जान ले ली। पुलिस भले ही हिस्ट्रीशीटर अशोक यादव उर्फ मुनुआ को हल्के में लेकर पूरी तैयारी के साथ नहीं पहुंची, लेकिन खुद मुनुआ ने पुलिस की दबिश को हल्के में नहीं लिया। पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए उसने घर से भागने के बजाए पुलिस से मोर्चा लेने का मंसूबा बनाया। इसके लिए उसने घर में रखे अपने असलहों तमंचा, डबल बैरल बंदूक, रायफल के साथ डट गया।
वह घर बैठकर ही मकान के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से पुलिस के आने की राह तकने लगा। फिर जैसे ही पुलिस ने उसके घर पर दस्तक दी, पहले तो उसने हवाई फायरिंग करके डराने की कोशिश की। पत्नी सीसीटीवी से पुलिस पर निगाह रखकर उनकी सूचना पति व बेटे को दो रही थी। दोनों पुलिस पर निशाना साध रहे थे। इसके बाद ताबड़तोड फायर झोंकने शुरू कर दिए। बाकी के लोग अशोक को पकड़ने के लिए मोर्चाबंदी करने में लग गए। बीच-बीच में अशोक पुलिस को छकाने के लिए फायरिंग करता रहा।
घर से बरामद हुआ असलहों का जखीरा
अंधेरा होने पर जैसे ही उसने भागने की कोशिश की, पुलिस की जवाबी गोली में वह और उसका पुत्र जख्मी हो गया। दोनों के गिरते ही पुलिस ने उन्हें दबोच लिया। उन दोनों की मदद कर रही श्यामादेवी को भी दबोच लिया गया। हिस्ट्रीशीटर को दबोचने के बाद उसके घर की तलाशी के दौरान पुलिस को वहां से असलहों का जखीरा मिला। पांच तमंचे, एक डबल बैरल और एक रायफल भी बरामद हुई है।
Bureau Report
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