लद्दाख के स्थानीय चरवाहों और चीनी सैनिकों का वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें देखा जा सकता है कि चीनी (पीएलए) सैनिक लद्दाखी चारवाहों को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास भेड़ चराने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन लद्दाखी उन्हें पूरी निडरता के साथ जवाब दे रहे हैं। 2020 के गलवान संघर्ष के बाद स्थानीय चरवाहों ने इस क्षेत्र में जानवरों को चराना बंद कर दिया था। चीनी सैनिकों के साथ बहस करने और यह दावा करने का कि वे भारतीय क्षेत्र में हैं, उनके एक वीडियो ने सोशल मीडिया पर दिल जीत लिया है। वीडियो पूर्वी लद्दाख का बताया जा रहा है। वहीं, भारतीय सेना ने इस क्षेत्र में सुरक्षा और अधिक बढ़ा दी है।
पिछले तीन वर्षों में पूर्वी लद्दाख में स्थाीनय चारवाहों ने एलएसी के पास कई इलाकों में मवेशियों को चराना बंद कर दिया था। यह पहली बार है कि उन्होंने क्षेत्र में अपने चराई अधिकारों का दावा किया है और चीनी सैनिकों को पीछे हटने के लिए मजबूर किया है।
चुशूल के पार्षद कोंचोक स्टैनजिन ने स्थानीय चरवाहों द्वारा दिखाए गए प्रतिरोध की सराहना की और उनका समर्थन करने के लिए भारतीय सेना की प्रशंसा की। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ”पूर्वी लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों में चरवाहों और खानाबदोशों को पैंगोंग के उत्तरी तट के साथ पारंपरिक चरागाहों में अपने अधिकारों का दावा करने की सुविधा प्रदान करने में भारतीय सेना द्वारा किए गए सकारात्मक प्रभाव को देखना खुशी की बात है। उन्होंने आगे कहा, ‘मैं ऐसे मजबूत नागरिक-सैन्य संबंधों और सीमा क्षेत्र की आबादी के हितों की देखभाल के लिए भारतीय सेना को धन्यवाद देता हूं।’
वीडियो में मौके पर लगभग तीन चीनी बख्तरबंद वाहन और कई सैनिक दिखाई दे रहे हैं। वाहन अलार्म बजाते हैं, जाहिर तौर पर चरवाहों को वहां से चले जाने का संकेत देते हैं। लेकिन लद्दाखी अपनी जिद पर अड़े हैं और पीएलए सैनिकों के साथ बहस करते नजर आ रहे हैं। चरवाहों का कहना है कि वे भारतीय क्षेत्र में मवेशी चरा रहे हैं। कुछ मौकों पर जब झगड़ा बढ़ जाता है तो कुछ चरवाहे पत्थर उठाते नजर आते हैं। लेकिन वीडियो में हिंसा भड़कती नहीं दिख रही है। वीडियो में दिख रहे चीनी सैनिक हथियारबंद नहीं हैं।
चुशूल पार्षद ने कहा कि भारतीय बलों के समर्थन के कारण चरवाहे चीनी सैनिकों का बहादुरी से सामना कर सके। उन्होंने कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि हमारी सेनाएं पीएलए के साथ चराई संबंधी मुद्दों को सुलझाने में हमेशा नागरिकों के साथ हैं, यह सब उनके समर्थन के कारण ही है कि हमारे खानाबदोश पीएलए का बहादुरी से सामना कर सके।”
गौरतलब है कि हाल ही सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने बताया है कि एलएसी पर स्थिति स्थिर है लेकिन संवेदनशील बनी हुई है। पिछले एक साल या उसके आसपास, हमारे बीच कोई और टकराव वाला क्षेत्र नहीं रहा है। समाधान के हमारे प्रयासों के संदर्भ में, सैन्य स्तर के साथ-साथ राजनयिक स्तर पर भी हमारी बातचीत जारी है।
Bureau Report
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