गौरतलब है, विदेश मंत्री जयशंकर ने हाल ही में न्यूज एजेंसी को एक इंटरव्यू दिया था, जिसमें उन्होंने चीन और भारत के बीच के रिश्तों के बारे में बात की थी। इस दौरान जयशंकर ने पंडित नेहरू की चीन नीति को कोसा था। इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने विदेश मंत्री पर जमकर हमला बोला।
कांग्रेस का हमला
जयराम रमेश ने मंगलवार को विदेश मंत्री पर निशाना साधा। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, ‘मैं हर बार जब भी विदेश मंत्री के नेहरू पर दिए गए बयानों को पढ़ता हूं, तो मुझे सिर्फ इतना याद आता है कि वह अपनी अच्छी पोस्टिंग के लिए नेहरूवादियों के आसपास कितनी परिक्रमा करते थे।’
रमेश ने आगे कहा, ‘मैं समझ सकता हूं कि उन्हें प्रधानमंत्री के साथ खुद को और अधिक जोड़ने के लिए नेहरू को कोसना पड़ता है। लेकिन ऐसा करने के लिए उन्होंने अपनी बौद्धिक ईमानदारी और निष्पक्षता खो दिया है। मुझे पता था कि वह उन लोगों के सामने झुक जाएंगे। लेकिन अब वह उनके इशारों पर चल रहे हैं। यह बहुत दुख की बात है कि ईमानदारी रखने वाले लोग उल्लंघन कर रहे हैं।’
यह है पूरा विदेश मंत्री का बयान
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की चीन नीति की आलोचना की थी। एक इंटरव्यू में विदेश मंत्री ने कहा था कि चीन नीति से जुड़ी पहले की बातों को समझना आज बेहद मुश्किल है। पंचशील समझौता भी इसका उदाहरण है। उन्होंने कहा था कि चीन से रिश्ते हकीकत के आधार पर होने चाहिए और उन्होंने पंडित नेहरू के चीन से लगाव पर भी सवाल उठाए थे।
न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ एक इंटरव्यू में विदेश मंत्री एस जयशंकर से पूछा गया कि क्या भारत हमेशा माइंड गेम में चीन से हारा है? इस पर विदेश मंत्री ने कहा था कि ‘मुझे ऐसा नहीं लगता कि हम हमेशा हारे हैं लेकिन पूर्व में ऐसी कई घटनाएं हुईं, जिन्हें आज समझना बहुत मुश्किल है। पंचशील समझौता भी इसका उदाहरण है। हम सदियों पुरानी सभ्यताएं हैं और जब हम एक दूसरे से रिश्तें आगे बढ़ाएं तो इस बात का भी ख्याल रखा जाना चाहिए।’
‘पीएम मोदी की चीन नीति व्यवहारिक’
देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू की चीन नीति की आलोचना करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि ‘उदाहरण के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सीट को ही लें तो मैं ये नहीं कह रहा कि हमें उस वक्त सीट ले लेनी चाहिए थी, यह एक अलग बहस का विषय है, लेकिन ये कहना कि पहले चीन को यह सीट लेने दी जाए, चीन के हित पहले आने चाहिए, यह एक अजीब बयान था।’
जयशंकर ने कहा था, ‘हमारी पूर्व की चीन नीति आदर्शवाद पर आधारित और यथार्थवाद से परे रही। चीन के साथ हमारे संबंध यथार्थवाद के आधार पर होने चाहिए। मुझे लगता है कि सरदार पटेल भी चीन से यथार्थवाद के आधार पर संबंधों के पक्षधर थे और पीएम नरेंद्र मोदी का भी ऐसा ही मानना है।’
विदेश मंत्री ने चीन को लेकर पीएम मोदी की नीति की तारीफ की थी और कहा कि पीएम मोदी चीन को लेकर व्यवहारिक दृष्टिकोण रखते हैं।
Bureau Report
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