आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू की याचिका पर अब चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ सुनवाई करेंगे। दरअसल दो जजों की पीठ ने याचिका पर अलग-अलग फैसला दिया। जिसके बाद पीठ ने इस मामले को मुख्य न्यायाधीश के पास भेज दिया है। याचिका में पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू ने स्किल डेवलेपमेंट घोटाले के मामले में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की है। याचिका पर सुनवाई के बाद जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला त्रिवेदी की पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज जब पीठ ने फैसला सुनाया तो दोनों जजों ने अलग-अलग फैसला दिया और उनके फैसले में सहमति नहीं बन पाई। जिसके बाद पीठ ने इस मामले को मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के पास भेज दिया है।
इस बात पर जजों में नहीं बनी सहमति
जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला त्रिवेदी की पीठ पीसी एक्ट की धारा 17ए के लागू होने को लेकर सहमत नहीं हो सकी। इस धारा के तहत जांच शुरू करने से पहले मंजूरी लेने का प्रावधान है। जस्टिस अनिरुद्ध बोस का मानना था कि तेदेपा चीफ चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले मंजूरी ली जानी चाहिए थी। वहीं जस्टिस बेला त्रिवेदी का मानना था कि इस मामले में पीसी एक्ट की धारा 17ए लागू नहीं होती है। ऐसे में उन्होंने चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने से इनकार कर दिया।
क्या है स्किल डेवलेपमेंट घोटाला
साल 2016 में आंध्र प्रदेश के तत्कालीन सीएम चंद्रबाबू नायडू ने राज्य के बेरोजगार युवाओं को स्किल ट्रेनिंग देने के लिए आंध्र प्रदेश स्टेट स्किल डेवलेपमेंट कॉर्पोरेशन की स्थापना की थी। 3,300 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट के लिए तत्कालीन राज्य सरकार ने सीमेंस इंडस्ट्री सॉफ्टवेयर इंडिया लिमिटेड और डिजाइन टेक सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों के साथ करार किया। इस प्रोजेक्ट के तहत सीमेंस ने राज्य में छह एक्सिलेंस सेंटर स्थापित किए थे। आरोप है कि मुख्यमंत्री रहते हुए चंद्रबाबू नायडू ने फंड का गलत इस्तेमाल किया था, जिससे सरकारी खजाने को 371 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
सीबीआई ने 9 दिसंबर 2021 को स्किल डेवलेपमेंट घोटाले में एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें 25 लोगों को आरोपी बनाया गया था। उस वक्त एफआईआर में चंद्रबाबू नायडू का नाम नहीं था। मार्च 2023 में सीआईडी ने इस मामले की जांच शुरू की और जांच के आधार पर घोटाले की एफआईआर में चंद्रबाबू नायडू को 37वां आरोपी बनाया गया। इस मामले में सीआईडी ने तेदेपा चीफ चंद्रबाबू नायडू को 9 सितंबर 2023 में नांदयाल से गिरफ्तार किया था। जिसके बाद चंद्रबाबू नायडू 53 दिन जेल में रहे। 31 अक्तूबर 2023 को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने चंद्रबाबू नायडू को मेडिकल आधार पर चार हफ्ते की जमानत दे दी थी। इसके बाद 20 नवंबर 2023 को हाईकोर्ट ने माना की प्रथम दृष्टया पूर्व सीएम के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता और पूर्व सीएम को नियमित जमानत दे दी।
चंद्रबाबू नायडू ने स्किल डेवलेपमेंट घोटाले में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कराने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। इसी याचिका पर अब सुप्रीम कोर्ट की पीठ के फैसले में सहमति नहीं बन पाई। जिस पर अब मुख्य न्यायाधीश फैसला करेंगे।
Bureau Report
Leave a Reply