Mohamed Muizzu Statement: चीन समर्थक मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (Mohamed Muizzu) की हेकड़ी निकलती दिखाई दे रही है. मुइज्जू ने भारत को अपना करीबी सहयोगी बताया है और कर्ज में राहत देने की मांग की है. मालदीव का राष्ट्रपति बनने के बाद से चीन समर्थक मोहम्मद मुइज्जू लगातार भारत विरोधी अभियान चला रहे थे. लेकिन अब उनके सुर बदलते दिख रहे हैं. सुलह का रुख अख्तियार करते हुए मुइज्जू ने भारत को अपना करीबी सहयोगी बताया है और भारत सरकार से कर्ज राहत देने का आग्रह किया है.
कर्ज के कारण मजबूर मुइज्जू
दरअसल, पिछले साल के आखिर तक मालदीव पर भारत का लगभग 40 लाख 9 लाख अमेरिकी डॉलर बकाया था. लेकिन सत्ता में आने के बाद मुइज्जू ने भारत के प्रति सख्त रुख अख्तियार किया था. अपने इंटरव्यू में, मुइज्जू ने कहा कि भारत ने मालदीव को सहायता देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और बड़ी संख्या में परियोजनाओं को लागू किया.
चुनाव से पहले मुइज्जू हुए नरम
गौरतलब है कि मुइज्जू ने कहा कि भारत ने पिछले कुछ सालों से दो हेलीकॉप्टर और एक डोर्नियर विमान के जरिये मालदीव के लोगों को मानवीय और मेडिकल सेवाएं दे रहा है. मुइज्जू का बयान ऐसे वक्त में आया है जब मालदीव में अगले महीने संसद के चुनाव होने हैं.
भारत पर मुइज्जू ने क्या बोला?
साथ ही मुइज्जू ने दावा किया कि उन्होंने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जिससे दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव आए. मुइज्जू ने कहा कि उनकी सरकार ने मालदीव में भारतीय सेना के मुद्दे से निपटने के लिए चर्चा समाधान निकालने के लिए काम किया.
लोन कैसे चुकाएगा मालदीव?
मुइज्जू ने कहा कि मालदीव ने भारत से बड़े पैमाने पर लोन लिया है. वह मौजूदा वक्त में मालदीव के आर्थिक हालात के अनुसार लोन चुकाने के ऑप्शन तलाशने के लिए भारत सरकार के साथ चर्चा कर रहे हैं.
मुइज्जू ने ये भी कहा कि एक देश से दूसरे देश को दी जाने वाली मदद को खारिज करना या उसकी उपेक्षा करना ठीक बात नहीं है. मुइज्जू ने कहा कि उन्होंने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया या ऐसा कोई बयान नहीं दिया, जिससे दोनों देशों के बीच दूरियां आएं.
Bureau Report
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