सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव विपक्षी गठबंधन इंडिया की एक जून को दिल्ली में होने वाली बैठक में शामिल होंगे। इस बैठक में विपक्षी नेता आगे की रणनीति तैयार करेंगे। सूत्रों के अनुसार ममता बनर्जी और केसीआर को मनाने की कमान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव संभाल सकते हैं।
गठबंधन के नेताओं को पूरा भरोसा है कि वे केंद्र में सरकार बनाने की स्थिति में होंगे। उन्हें तृणमूल कांग्रेस और बीआरएस का साथ मिलने की भी पूरी उम्मीद है। इंडिया के रणनीतिकारों का मानना है कि यूपी में गठबंधन को उनकी उम्मीद से अधिक मतदाताओं का समर्थन मिला है।
उनका दावा यहां 35 से ज्यादा सीटें जीतने का है। जो भाजपा कभी हमें मंदिर-धर्म की अपनी पिच पर बोलने को मजबूर करती थी, आज वही पार्टी संविधान, आरक्षण और बेरोजगारी सरीखे हमारे मुद्दों पर लगातार सफाई देने को मजबूर है। विपक्षी गठबंधन इसे अपनी रणनीतिक सफलता मान रहा है।
यही वजह है कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के दो जून को जेल जाने से पहले गठबंधन की दिल्ली में बैठक बुलाई गई है। सपा सूत्रों के मुताबिक यह बैठक बेहद अहम है, इसलिए इसमें अखिलेश यादव खुद शामिल होंगे।
इसमें समान विचार वाले दलों-तृणमूल कांग्रेस और तेलंगाना की भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को चुनाव बाद साथ लाने पर भी विचार-विमर्श होगा। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी और बीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव (केसीआर) से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बेहतर रिश्ते जगजाहिर हैं।
सपा प्रमुख ने तेलंगाना के विधानसभा चुनाव में बीआरएस के लिए अपना प्रचार रथ भेजा था। यहां बता दें कि केसीआर ने लोकसभा चुनाव बसपा के साथ मिलकर लड़ा है। सपा ने गठबंधन में शामिल नहीं होने के बावजूद तृणमूल कांग्रेस को यूपी की भदोही लोकसभा सीट दी है।
जबकि यूपी में तृणमूल का कोई जनाधार नहीं है। सूत्रों का कहना है कि गठबंधन में तृणमूल कांग्रेस और बीआरएस को लाने की जिम्मेदारी अखिलेश यादव संभाल सकते हैं। वे ममता बनर्जी और केसीआर से लगातार संपर्क में भी हैं
Bureau Report
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