आने वाले विधानसभा चुनावों में सभी बड़े और छोटे राजनीतिक दल सियासी तौर पर कमर कस रहे हैं। ताकि आने वाले चुनावों और उपचुनावों में सफलता मिल सके। इस कड़ी में बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी पुरजोर तैयारियां शुरू कर दी हैं। बसपा की हाल में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद तय हुआ कि उनके कार्यकर्ता अब घर-घर जाएंगे। इसके लिए बाकायदा मायावती के चार बार के मुख्यमंत्री वाले कार्यकाल की उपलब्धियां बताई जाएंगी। इसके लिए बसपा ने अपना ‘प्लान बुकलेट’ तैयार किया है। जिसमें उनकी तत्कालीन सरकार की उपलब्धियों का लेखा-जोखा रहेगा। पार्टी के कार्यकर्ता इस बुकलेट को जल्द ही घर घर इस पहुंचाएंगे।
बीते कुछ चुनावों में जिस तरह से बसपा का ग्राफ नीचे गिरा है, उसे लेकर पार्टी लगातार चिंतित है। इसी साल हुए लोकसभा चुनावों में जो नतीजे आए हैं, उससे तो पार्टी को अपनी पूरी सियासी रणनीति बदलने को मजबूर होना पड़ा है। इसी कड़ी में पार्टी ने अब तय किया है कि बसपा अपने पुराने वाले स्वरूप में वापस आएगी। बसपा के वरिष्ठ नेता कहते हैं कि पुराने वाले स्वरूप का मतलब वह छवि जो मायावती की एक कड़क नेता और अपने समाज के लोगों और उनके महापुरुषों को दिए जाने वाले सम्मान के लिए जानी जाती थी। अब वापस उसी राह पर चलते हुए बसपा अपने नए और युवा वोटरों से मुखातिब होगी। इसके लिए पार्टी के पुराने नेता और कैडर के लोगों को जिम्मेदारियां दी जा रहीं हैं, ताकि वो बसपा के चार बार के शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं और बातों को जनता के बीच ले जा सकें।
बसपा की ओर से तय योजना के मुताबिक उनकी सरकार के दौरान किए गए कामों को एक बुकलेट के माध्यम से तैयार किया गया है। लाखों की संख्या में छपवाई गईं इन बुकलेट को घर-घर भेजे जाने का पूरा खाका खींचा जा चुका है। हाल में हुई बसपा की बैठक में पार्टी सुप्रीमो मायावती ने जनसंपर्क अभियान के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इस बुकलेट को पहुंचाने का लक्ष्य दे चुकी है। पार्टी से जुड़े एक नेता बताते हैं कि उसी आधार पर न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि जहां-जहां बसपा का जनाधार है वहां पर इन बुकलेट को बांटा जाना है। ताकि उनके समाज की युवा पीढ़ी को मायावती के कार्यकाल में किए गए कार्यों की जानकारी हो सके। पार्टी ने इसके लिए बैठकों का आयोजन करने को कहा है। इन बैठकों में ज्यादा से ज्यादा लोगों के शामिल होने और उन तक पार्टी की यह पुस्तिका पहुंचाने का टारगेट दिया है।
दरअसल बसपा सुप्रीमो मायावती ने महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर समेत हरियाणा के मुख्य चुनाव और उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में मैदान में हैं। इन चुनावों को मायावती अपने खोए हुए जनाधार को वापिस पाने का बड़ा मौका मान रही हैं। यही वजह है कि मायावती ने अपनी सरकार की योजनाओं को ‘प्लान बुकलेट’ के माध्यम से आगे बढ़ाने की योजना बनाई। मायावती ने बतौर मुख्यमंत्री रहते हुए ओबीसी और दलित समाज के महापुरुषों की प्रतिमाएं लगवाई थीं। इसके अलावा कई शहरों के नामकरण और संस्थाओं के नामकरण भी उन महापुरुषों के नाम पर किए थे। मायावती ने अपने कार्यकाल में बहुत बड़े बड़े स्मारक बनवाए थे। बसपा चाहती है कि इन सबके साथ उनके कार्यकाल में मायावती की कड़क छवि और कानून व्यवस्था भी आज के युवा वोटरों के सामने आए। ताकि पार्टी उनसे और ये युवा पार्टी से जुड़ सकें।
Bureau Report
Leave a Reply