कन्नौज में किशोरी संग छेड़खानी के आरोप में गिरफ्तार नवाब सिंह यादव की पुलिस ने आपराधिक कुंडली खंगालनी शुरू कर दी है। जेल भेजने के बाद पुलिस ने सोमवार की देर शाम नवाब के खिलाफ अब तक दर्ज अलग-अलग मुकदमों की सूची जारी की। इसमें बलवा, लूट, मारपीट, धोखाधड़ी के मामले शामिल हैं, जो सदर और तिर्वा कोतवाली में दर्ज हैं। हालांकि नवाब सिंह यादव के समर्थकों का तर्क है यह सभी मुकदमें राजनीतिक गतिविधियों से जुड़े हैं।
जिले की सियासत में दबदबा रखने वाले नवाब सिंह यादव की गिरफ्तारी ने सियासी गलियारे में हलचल मचा दी है। भाजपा इस घटनाक्रम को लेकर सपा पर हमलावर है। वहीं, सपा ने मामले से पल्ला झाड़ रखा है। इस बीच पुलिस अपना काम करने में जुटी है। रविवार की रात हिरासत में लेने के बाद सोमवार की दोपहर कोर्ट में पेश करने के बाद शाम में जेल भेज दिया गया।
इस बीच पीड़ित किशोरी की मेडिकल जांच के लिए जिला अस्पताल में गहमा-गहमी रही। देर शाम होते-होते पुलिस ने नवाब सिंह यादव के खिलाफ दर्ज अब तक के सभी मुकदमों की फेहरिस्त जारी कर दी है। इसमें पहले से दर्ज 15 मुकदमों के अलावा रविवार की रात दर्ज हुआ 16वां मुकदमा भी शामिल है।
समझा जा रहा है कि इस लिस्ट को सार्वजनिक कर पुलिस नवाब सिंह यादव की छवि को सामना लाना चाह रही है। इसके अलावा अपनी आगे की कार्रवाई में भी इस मुकदमों को शामिल कर कार्रवाई को पुख्ता करने में लगी है।
इस तरह दर्ज हैं मुकदमें
नवाब सिंह यादव पर सदर कोतवाली में बलवा, लूट, मारपीट, धोखाधड़ी, अपहरण, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, गुंडा एक्ट, जानलेवा हमला, मारपीट, छेड़छाड़ और पॉक्सो एक्ट में मुकदमें दर्ज हैं।
कभी था दबदबा, अब सपा ने बना रखी थी दूरी
नवाब सिंह यादव को जानने वाले लोग उन्हें सपा का कद्दावर नेता और पार्टी मुखिया अखिलेश यादव का करीबी ही मानते रहे हैं। सपा शासन के दौरान सत्ता के गलियारों में नवाब सिंह यादव की काफी धमक थी। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान तिर्वा विधानसभा सीट से टिकट की मांग पूरी नहीं होने पर खेमेबंदी शुरू हो गई। दोनों पक्ष में खटास तब और बढ़ गई, जब वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां से डिंपल यादव चुनाव हार गईं। तब अंदरखाने नवाब सिंह यादव पर ही ठीकरा फोड़ा गया था।
उसके बाद से सपा ने पूरी तरह से दूरी बना रखी थी। हालांकि नवाब सिंह यादव अपनी ओर से किए जाने वाले धरना-प्रर्दशन को सपा से ही जोड़ कर देखा जाता रहा है। सियासी चर्चाओं के मुताबिक वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान जब खुद अखिलेश यादव ने यहां से दावेदारी की तो नवाब सिंह यादव ने उनके लिए प्रचार किया था। पिछले महीने 25 जुलाई को नवाब सिंह की मां का निधन हो गया तो अखिलेश यादव ने उस पर दुख जताया था। वहीं, इस प्रकरण के बाद पार्टी ने पूरी तरह से नवाब से पल्ला झाड़ लिया है।
अस्पताल पहुंचे किशोरी के दादी-बाबा
नवाब सिंह के खिलाफ आरोप लगाने वाली किशोरी की मेडिकल जांच के लिए पुलिस उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंची। वहां पूरे दिन वह वहीं रही। इस बीच गांव से उसके बाबा और दादी भी वहां पहुंचे। बताया गया कि पुलिस के बुलावे पर पहुंचे हैं।
किशोरी से मिलने के बाद बाहर निकले बाबा और दादी से इस बारे में जानकारी की गई तो वह चुप्पी साधे रहे। मीडियाकर्मियों के सवाल पर कहा कि जांच नहीं हुई है। दादी के मुताबिक जब कुछ हुआ ही नहीं तो जांच किस चीज की होगी। किशोरी की बुआ भी अस्पताल के परिसर में टहलती रहीं। वह यही कहती रहीं कि उन्हें भतीजी से मिलने दिया जाए तो वह कुछ पता करें।
नवाब सिंह के खिलाफ दर्ज मुकदमे
1-शहर कोतवाली वर्ष 2004 धारा 147, 148, 149, 336, 352, 395, 397, 427, 504, 506।
2-शहर कोतवाली वर्ष 2007 धारा 188।
3-शहर कोतवाली वर्ष 2008 धारा 188, 419, 501।
4-शहर कोतवाली वर्ष 2008 धारा 147, 149, 307, 336, 366, 504, 506 भादवि व 7 सीएलए एक्ट।
5-शहर कोतवाली वर्ष 2009 धारा 03 गुंडा अधिनियम।
6-शहर कोतवाली वर्ष 2009 धारा 147, 336, 504, 506।
7- शहर कोतवाली वर्ष 2009 धारा तीन, 10 गुंडा अधिनियम।
8-शहर कोतवाली वर्ष 2010 धारा तीन गुंडा अधिनियम।
9- शहर कोतवाली वर्ष 2020 धारा 188, 269, 270, 332, 353 व धारा तीन महामारी एक्ट।
10- शहर कोतवाली वर्ष 2020 धारा 188, 269, 270 भादवि व 3 महामारी एक्ट
11-शहर कोतवाली वर्ष 2020 धारा 147, 149, 323, 336, 427, 504, 506।
12-तिर्वा कोतवाली वर्ष 2020 धारा 188, 269, 270 भादवि व तीन महामारी एक्ट।
13-तिर्वा कोतवाली वर्ष 2020 धारा 147, 336, 341।
14-शहर कोतवाली वर्ष 2021 धारा 308, 323, 504, 506।
15-शहर कोतवाली वर्ष 2022 धारा 323, 342, 420, 504, 506।
16- शहर कोतवाली वर्ष 2024 धारा 76 भारतीय न्याय संहिता व सात, आठ पाॅक्सो एक्ट।
Bureau Report
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