Kannauj case: 15 मुकदमों में पुलिस न रख सकी थी हाथ… इस बार नवाब पर कसा शिकंजा; अखिलेश के साथ की थी दगाबाजी!

Kannauj case: 15 मुकदमों में पुलिस न रख सकी थी हाथ... इस बार नवाब पर कसा शिकंजा; अखिलेश के साथ की थी दगाबाजी!

पूर्व ब्लॉक प्रमुख नवाब सिंह यादव का मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। नाबालिग ने दुष्कर्म के आरोपी नवाब सिंह पर पहले 15 मुकदमे दर्ज थे, लेकिन पुलिस ने कभी कार्रवाई नहीं की थी। इस बार नवाब के खिलाफ 16वां मुकदमा दर्ज हुआ तो उस पर शिकंजा कस गया। एक समय सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का करीबी था, लेकिन 2017 के बाद सपा ने उससे दूरी बना ली थी। कहा तो ये भी जाता है कि नवाब सिंह ने अखिलेश यादव के साथ दगाबाजी की थी।

दरअसल, नवाब सिंह यादव का यह सियासी रसूख ही था कि उसके खिलाफ अलग-अलग समय पर कुल 15 मुकदमे दर्ज हुए, लेकिन कभी पुलिस कार्रवाई नहीं कर सकी। यह मुकदमे बसपा, भाजपा, सपा शासन में लगते रहे। भाजपा की पिछली सरकार में भी मुकदमा दर्ज हुआ, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। 

इस बार चूंकि मामला एक नाबालिग की असमत से जुड़ा था, तो पुलिस ने कार्रवाई करने में कोई हिचक नहीं दिखाई। अब उसे सलाखों के पीछे भेज दिया गया है। आगे और भी कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।

2017 के बाद सपा से बनने लगी थी दूरी, घटने लगा था कद
सपा शासन के दौरान सत्ता के गलियारों में अपनी धमक रखने वाले नवाब सिंह के पार्टी से मतभेद भी शुरू हुए। इसकी शुरुआत हुई वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान। कहा जाता है कि तब नवाब सिंह यादव ने तिर्वा विधानसभा सीट से टिकट की मांग की। पार्टी ने मांग नहीं मानी।

इससे खेमेबंदी शुरू हो गई। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में डिंपल यादव यहां से चुनाव हारीं तो नवाब सिंह यादव पर दगाबाजी का आरोप लगा। तब सपा ने पूरी तरह से दूरी बना ली थी। कभी पार्टी की बागडोर संभालने वाले नवाब सिंह को पार्टी के ही कार्यक्रम की जिम्मेदारी से दूर किया जाने लगा।

इसके बावजूद नवाब सिंह यादव पार्टी का झंडा उठाकर जनहित के मुद्दे पर धरना-प्रदर्शन करता रहा। इस बीच 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान जब खुद अखिलेश यादव ने यहां से दावेदारी की तो नवाब सिंह यादव ने उनके लिए प्रचार किया था। फिर चर्चा शुरू हुई कि दोनों के बीच नजदीकी बढ़ रही है।

पिछले महीने 25 जुलाई को नवाब सिंह की मां का निधन हो गया तो अखिलेश यादव ने उस पर दुख जताया था। फिर यह माना जाने लगा कि दोनों के बीच जमा बर्फ पिघलने को है। अब इस प्रकरण के बाद पार्टी ने पूरी तरह से पल्ला झाड़ते हुए पार्टी का सदस्य मानने से भी इंकार कर दिया है।

नवाब सिंह के कॉलेज से सुबूत जुटाने पहुंची पुलिस व फोरेंसिक
कन्नौज शहर के करीब नसरापुर स्थित चौधरी चंदन सिंह महाविद्यालय इन दिनों पुलिस के निशाने पर है। इसी कॉलेज में रविवार की रात पूर्व ब्लॉक प्रमुख के पास बुआ और उसकी भतीजी पहुंची थी। इसी कॉलेज में वारदात हुई है। पुलिस ने इसी कॉलेज में पहुंचकर पीड़ित छात्रा के बयान के आधार पर आरोपी नवाब सिंह यादव को दबोचा था।

कन्नौज सदर ब्लॉक का प्रमुख नवाब सिंह यादव का अपना डिग्री कॉलेज भी है। अपने पिता चौधरी चंदन सिंह के नाम से संचालित इस कॉलेज में ही उसका अपना अलग से एक कार्यालय है। यहीं बैठकर वह अपनी सियासी गतिविधियों को अंजाम देता है।

रविवार की रात इसी कार्यालय के एक हिस्से में बने रेस्ट रूम में घटना हुई थी। यहीं पहुंची किशोरी ने अपने साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाकर यूपी 112 डायल कर मामले की जानकारी दी थी।

उसी आधार पर पहुंची पुलिस ने आरोपी के पीछे-पीछे जाकर नवाब सिंह यादव को रेस्ट रूम से पकड़ा था। उस समय तो पुलिस आरोपी को वहां से ले आई थी। साथ में शिकायत करने वाली छात्रा और उसकी बुआ को भी वहां से ले गई थी।

Bureau Report

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