हरियाणा में इस वक्त चुनाव का माहौल है। बीते 5 सितंबर से राज्य में नामांकन की प्रक्रिया चालू है जो 12 तारीख तक चलेगी। यहां की 90 सीटों के लिए 5 अक्तूबर को मतदान कराया जाएगा। उधर भाजपा, कांग्रेस, आप समेत तमाम अन्य दल अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर रहे हैं। पार्टियों ने अपनी सूचियों में कई पूर्व नौकरशाहों को भी जगह दी है जिनमें पूर्व आईएएस से लेकर जेलर तक शामिल हैं। आइये जानते हैं इन चेहरों और इनकी सीटों के बारे में…
सुनील सांगवान: दादरी सीट भी इस चुनाव में खास बनी हुई है। भाजपा ने यहां पर पूर्व जेलर सुनील सांगवान को अपना उम्मीदवार बनाया है। सुनील हरियाणा के पूर्व सहकारिता मंत्री एवं दादरी से विधायक रहे सतपाल सांगवान के बेटे हैं। वह हरियाणा सरकार में जेलर ‘जेल अधीक्षक’ के पद पर रहे हैं। आरोप लगते हैं कि सुनील सांगवान के जेल अधीक्षक रहते गुरमीत राम रहीम को कई बार पैरोल या फरलो मिली थी। पिछले दिनों सुनील सांगवान ने जेल अधीक्षक पद से वीआरएस ले लिया। इसके बाद वह भाजपा में शामिल हुए और पार्टी ने उन्हें दादरी से टिकट थमा दिया।
बृजेंद्र सिंह: जींद जिले की उचाना कलां विधानसभा हरियाणा की चर्चित सीटों में शुमार है। यहां इस बार भी कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह को मैदान में उतारा है। बृजेंद्र सिंह नौकरशाह रहे हैं जिन्होंने हरियाणा में 21 साल तक सेवा देने के बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी। 2019 में वह हरियाणा की हिसार लोकसभा सीट से जीतकर सांसद बने थे। हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बृजेंद्र ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया और कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। अब हरियाणा के विधानसभा में उन्हें कांग्रेस ने उचाना कलां से अपना चेहरा बने है। उनका मुकाबला चौटाला परिवार की चौथी पीढ़ी के पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और भाजपा के देवेंद्र अत्री से होगा।
सुनीता दुग्गल: फतेहाबाद जिले की रतिया विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने पूर्व भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) सुनीता दुग्गल को प्रत्याशी बनाया है। उन्होंने आयकर विभाग में अनेक पदों पर 22 वर्षों तक कार्य किया। उन्होंने 2014 में आयकर के सहायक आयुक्त के रूप में आईआरएस से वीआरएस लिया। उनके पति राजेश दुग्गल हरियाणा कैडर के एक चर्चित आईपीएस अधिकारी हैं। 2014 में आईआरएस सुनीता ने सरकारी नौकरी छोड़कर राजनीति में प्रवेश किया था। इसी साल विधानसभा चुनाव में सुनीता को रतिया सीट से भाजपा प्रत्याशी बनाया लेकिन वह महज 453 वोटों से हार गईं। 2019 में वह सिरसा लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर उतरे अशोक तंवर को हराकर सांसद बनी थीं। करीब 10 साल बाद फिर सुनीता विधानसभा चुनाव में उतरी हैं। वर्तमान विधायक लक्ष्मण नापा की जगह उन्हें पार्टी ने टिकट दिया है। सुनीता के सामने आप ने मुख्तियार सिंह बाजीगर को चेहरा बनाया है।
अभय सिंह यादव: महेंद्रगढ़ जिले की नांगल चौधरी सीट से भाजपा के मौजूदा विधायक डॉ. अभय सिंह यादव एक फिर चुनाव मैदान में हैं। अभय सैनी सरकार राज्य में सिंचाई मंत्री भी बने। अभय सिंह यादव आईएएस अधिकारी भी रह चुके हैं। विभिन्न जिलों में उपायुक्त एवं विभिन्न पदों पर सेवाएं देने वाई अभय ने वीआरएस लेकर 2014 से राजनीति में एंट्री की थी। अपने पहले ही चुनाव में नांगल चौधरी से विधायक बने और 2019 में एक बार फिर जीत दर्ज की। इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी अभय सिंह का सामना कांग्रेस प्रत्याशी मंजू चौधरी से होगा।
रेनू डाबला: रोहतक जिले की कलानौर सीट से भाजपा ने महिला उम्मीदवार रेनू डाबला को मैदान में उतारा है। 2013 में रेनू ने एएनएम की सरकारी नौकरी छोड़ी थी। इसके बाद उन्होंने निगम का चुनाव लड़ा और विजयी रहीं। साथ ही कांग्रेस ने उन्हें रोहतक निगम की पहली मेयर बनाया। 2019 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आ गईं। अब कांग्रेस के शंकुतला खटक के खिलाफ भाजपा ने रेनू डाबला को मैदान में उतारा है।
इसके अलावा में कई आईएएस, आईपीएस और एचसीएस अधिकारियों समेत कई सेवानिवृत्त नौकरशाह भी आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं। पहले लोकसभा चुनाव फिर विधानसभा चुनाव से पहले कई अधिकरियों ने अपनी नौकरी भी छोड़ी है। हालांकि, अब यह देखना होगा कि ऐसे कितने उम्मीदवारों को टिकट मिलेंगे।
Bureau Report
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