हरियाणा की 15वीं विधानसभा के लिए हुए चुनाव में इस बार तीन लालों (देवीलाल, बंसीलाल और भजनलाल) के वारिसों के चेहरों लाली जनता ने छीन ली है। चुनाव मैदान में उतरे तीनों लाल के 12 लाल में से सिर्फ चार को ही जनता का आशीर्वाद मिला है।
इस बार सबसे ज्यादा सात प्रत्याशी देवीलाल परिवार से चुनाव में उतरे थे। इसमें से सिर्फ अर्जुन चौटाला और आदित्य चौटाला को ही जीत मिली है। खास बात है कि परिवार के कई सदस्य अपनों से ही लड़कर हारे हैं। तोशाम से भाजपा प्रत्याशी श्रुति चौधरी ने अपने चचेरे भाई अनिरुद्ध को हराकर विरासत की जंग जीत ली है।
पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के पौत्र भव्य आदमपुर का अपना किला नहीं बचा पाए हैं। हालांकि भजनलाल के छोटे बेटे चंद्रमोहन कांग्रेस के टिकट पर पंचकूला से जीत गए हैं।
इसके अलावा परिवार की राजनीतिक विरासत संभालने के लिए कांग्रेस के टिकट पर उतरे सांसद रणदीप सुरजेवाला के पुत्र आदित्य, सांसद जेपी के बेटे विकास सहारण और सांसद वरुण चौधरी की पत्नी पूजा चौधरी ने भी जीत हासिल की है।
अहीरवाल के कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत की बेटी आरती राव ने अटेली से कांटे के मुकाबले में आखिरी के चरणों में जीत हासिल की है। हरियाणा के सबसे बड़े सियासी घराने ताऊ देवीलाल का परिवार इस बार चुनाव में अपने बूते पर चुनाव मैदान में उतरा था।
दो सीटों डबवाली और रानियां में चौटाला परिवार के सदस्य ही आमने-सामने थे। देवीलाल के संरक्षण में पली-बढ़ी इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) से एलनाबाद से देवीलाल के पौत्र अभय चौटाला, रानियां से अभय के बेटे अर्जुन चौटाला और डबवाली से देवीलाल के दूसरे पौत्र आदित्य चौटाला (देवीलाल के छोटे बेटे जगदीश चौटाला के पुत्र) चुनाव मैदान में उतरे थे।
इनेलो से टूटकर बनी जननायक जनता पार्टी (जजपा) से देवीलाल के बड़े बेटे ओपी चौटाला के पौत्र दुष्यंत चौटाला और डबवाली से दिग्विजय चौटाला चुनाव लड़ रहे थे। देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला रानियां सीट से निर्दलीय चुनाव मैदान में थे।
इसके अलावा देवीलाल के भाई के परिवार से अमित सिहाग कांग्रेस के टिकट पर डबवाली से चुनाव लड़ रहे थे। इसमें से रानियां से अर्जुन चौटाला ने अपने दादा रणजीत चौटाला को हरा दिया।
वहीं डबवाली से इनेलो के आदित्य चौटाला कांग्रेस के प्रत्याशी और चचेरे भाई अमित सिहाग व भतीजे दिग्विजय चौटाला को हराकर विधानसभा पहुंचे हैं। अभय चौटाला के चचेरे भाई रवि चौटाला की पत्नी सुनैना फतेहाबाद सीट पर तीसरे स्थान पर रही हैं।
दूसरे लाल बंसीलाल की परंपरागत सीट तोशाम से बंसीलाल के छोटे बेटे सुरेंद्र सिंह की बेटी श्रुति चौधरी ने कांग्रेस के प्रत्याशी और अपने चचेरे भाई अनिरुद्ध को कांटे के मुकाबले में हरा दिया है। अनिरुद्ध बंसीलाल के बड़े बेटे रणबीर महेंद्रा के पुत्र हैं।
तीसरे लाल भजनलाल के पौत्र और भाजपा के प्रत्याशी भव्य बिश्नोई को आदमपुर हलके से हार का सामना करना पड़ा है। 56 साल बाद भजनलाल परिवार को आदमपुर में जीत का सामना करना पड़ा है। भव्य भजनलाल के बड़े बेटे कुलदीप बिश्नोई के पुत्र हैं।
भजनलाल के छोटे बेटे और पंचकूला विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी चंद्रमोहन ने लगातार दो हार के बाद पंचकूला से भाजपा के ज्ञानचंद गुप्ता को हरा दिया है। भजनलाल के छोटे भाई के बेटे दूड़ाराम इस बार फतेहाबाद सीट से चुनाव हार गए हैं।
देवीलाल और बंसीलाल परिवार में थी विरासत की जंग
दिसंबर 2018 में कुर्सी पर कब्जे को लेकर देवीलाल के बेटे ओमप्रकाश चौटाला के दो बेटों अजय और अभय चौटाला में विवाद के बाद इनेलो से टूटकर जजपा बनी। अजय और उनके दोनों बेटे दुष्यंत व दिग्विजय चौटाला ने इनेलो को तोड़कर जजपा को मजबूत किया। 2019 के विधानसभा चुनाव में जजपा ने इनेलो का वोटबैंक खींच लिया और 10 सीटों पर जीत हासिल की।
बहुमत से दूर भाजपा ने जजपा के साथ गठबंधन में सरकार बनाई, तभी से इनेलो और जजपा के बीच देवीलाल की विरासत को लेकर जंग चल रही है। इस बार चुनाव में जजपा एक भी सीट नहीं जीत पाई है। दूसरी तरफ बंसीलाल की विरासत को लेकर श्रुति और अनिरुद्ध की बीच टकराव चल रहा था।
बंसीलाल के बाद उनकी परंपरागत सीट पर उनकी छोटी बहू किरण चौधरी चुनाव लड़ रहीं थीं। इस बार विधानसभा चुनाव से पहले किरण कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आ गईं और राज्यसभा सदस्य बन गईं। भाजपा ने तोशाम से किरण की बेटी व पूर्व सांसद श्रुति चौधरी को टिकट दिया। बंसीलाल की विरासत पर हक जता रहे अनिरुद्ध पर कांग्रेस ने दांव खेल दिया। मगर वह चुनाव नहीं जीत सके।
Bureau Report
Leave a Reply