संभल हिंसा में एफआईआर की कॉपी सामने आई है। एफआईआर से संभल हिंसा पर सनसनीजेख खुलासा हुआ है। एफआईआर में सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क को आरोपी नंबर वन बनाया गया है। एफआईआर में सपा विधायक के बेटे सुहैल इकबाल को नंबर दो आरोपी बनाया गया है। इन दोनों के अलावा 2750 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने हिंसा में सात एफआईआर दर्ज की हैं। संभल में हुए बवाल के आरोपियों की तलाश में पुलिस की ताबड़तोड़ दबिश जारी है। अब तक 27 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसमें तीन नाबालिग भी हैं। एक दर्जन से ज्यादा लोग हिरासत में हैं।
इस बीच एफआईआर कॉपी सामने आई है। इसमें जिक्र है कि सपा के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने राजनीतिक फायदा पाने के लिए भीड़ को भड़काया। साथ ही सांप्रदायिक माहौल को खराब किया। हिंसा से दो दिन पहले ही सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क प्रशासन की अनुमति के बगैर जामा मस्जिद गए थे।
मस्जिद के सर्वे की प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास
एफआईआर के अनुसार, अदालत के आदेश पर 24 नवंबर को संभल की जामा मस्जिद का सर्वे किया जा रहा था, इसी दौरान लोगों की भीड़ जमा हो गई। पुलिस ने भीड़ को समझाने का प्रयास किया, लेकिन भीड़ मानने के लिए तैयार नहीं थी। भीड़ ने जामा मस्जिद के सर्वे की प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास किया।
भीड़ ने आंसू गैस के गोले भी लूटे
रविवार सुबह करीब पौने नौ बजे भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। इस दौरान कुछ उपद्रवियों ने उपनिरीक्षक संजीव कुमार की 9 एमएम की पिस्टल की मैगजीन लूट ली। पिस्टल भी लूटने की कोशिश की, इसके साथ ही रबर बुलेट के साथ बलैंक कारतूस, पलास्टिक पैलेट समेत जवानों से अन्य सामान मारपीट कर लूट लिया। भीड़ ने आंसू गैस के गोले भी लूट लिए। साजिश के तहत पुलिस पर पथराव हुआ। भीड़ से पुलिस पर फायरिंग हुई।
भीड़ के बीच में था सुहैल इकबाल
एफआईआर के अनुसार, 24 नवंबर को सर्वे की प्रक्रिया को बाधित करने आई भीड़ के बीच में सपा विधायक के पुत्र सुहैल इकबाल भी मौजूद था। सुहैल ने भीड़ को उकसाया था, कहा था कि सांसद जियाउर रहमान बर्क हमारे साथ हैं। हम तुम्हारे साथ हैं, आप लोगों को कुछ नहीं होने देंगे। आप लोग अपने मंसूबों को पूरा करो, इतना सुनते ही भीड़ और भी उग्र हो गई। इस बीच भीड़ से आवाज आई कि सर्वे नहीं होने देंगे। एफआईआर में लिखा है कि राजनीति लाभ लेने के लिए भीड़ को उकसाया गया है।
यह है एफआईआर में?
एफआईआर के अनुसार, पुलिस को सूचना मिली थी कि नखासा चौराहे पर जामा मस्जिद के सर्वे के विरोध में भीड़ इकट्ठा हो रही है। उपनिरीक्षक निशांत मलिक अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। इसी दौरान करीब 12:35 बजे भीड़ ने सीसीटीवी कैमरों को तोड़ते हुए पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया।
एफआईआर में बताया गया है कि भीड़ के हाथों में लाठी-डंडे और ईंट-पत्थर थे। उन्होंने पुलिसकर्मियों को जान से मारने की नीयत से हमला किया। सरकारी लेपर्ड मोटरसाइकिल (अपाचे नंबर UP38AG0168) और एक निजी बुलेट मोटरसाइकिल (UP38M8166) को आग के हवाले कर दिया गया।
पिस्टल छीनने की कोशिश
एफआईआर के अनुसार, हिंसा के दौरान पुलिसकर्मियों की पिस्टल छीनने की भी कोशिश की गई। उपनिरीक्षक निशांत मलिक ने पिस्टल को मजबूती से पकड़कर बचा लिया, लेकिन पिस्टल की मैगजीन और उसमें मौजूद 9एमएम की 10 गोलियां उपद्रवियों ने लूट लीं।
‘नहीं होने देंगे मस्जिद में सर्वे’
दर्ज एफआईआर के अनुसार, भीड़ के बीच से चिल्लाते हुए आवाज आई कि इन पुलिस वालों के हथियार और कारतूस छीन लो, इन्हें आग लगाकर मार दो, कोई भी बचकर नहीं जाने पाए। हम अपनी मस्जिद का सर्वे नहीं होने देंगे।
एफआईआर में आरोपियों के नाम
गुलबुद्दीन हिकमतयार, निवासी सरायतरीन, थाना हयातनगर
सुलतान आरिफ, निवासी हिन्दुपुरा बेड़ा, थाना नखासा
हसन, निवासी हिन्दुपुरा खेड़ा, थाना नखासा
मुन्ना, निवासी सम्मन शहीद हिन्दुपुरा खेड़ा, थाना नखासा
फैजान, निवासी रायसती, थाना नखासा
समद, निवासी सम्मन शहीद हिन्दुपुरा बेड़ा, थाना नखासा
इन सभी पर जानलेवा हमला, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और लोक व्यवस्था भंग करने के आरोप लगाए गए हैं। एफआईआर में यह भी बताया गया है कि पुलिस ने स्थिति संभालने के लिए एंटी राइट गन से 10 राउंड प्लास्टिक पैलेट्स और आंसू गैस के गोले चलाए। अतिरिक्त पुलिस बल के मौके पर पहुंचने के बाद उपद्रवियों को तितर-बितर किया गया।
जांच जारी
पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच तेज कर दी है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने घटनास्थल का दौरा किया और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
Bureau Report
Leave a Reply