हाथरस के स्कूल में कक्षा दो में पढ़ने वाले छात्र कृतार्थ की तंत्र-मंत्र में हत्या किए जाने के खुलासे के वक्त किए दावे को पुलिस ने ही झूठा बता दिया है। चार्जशीट में सहपाठी किशोर को ही हत्या का आरोपी बनाया है। गत 23 सितंबर को थाना सहपऊ पर पुलिस ने कृतार्थ के पिता श्रीकृष्ण की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज की थी। स्कूल के प्रबंधक सहित अन्य चार पांच लोगों को नामजद किया गया था।
इसका खुलासा करते हुए पुलिस ने प्रबंधक दिनेश बघेल से हुई पूछताछ के हवाले से दावा किया था कि घटना से करीब 25 दिन उसके पिता जसोदन सिंह उर्फ भगत जी को देवता ने सपने में दर्शन दिए थे और कहा था कि किसी के इकलौते पुत्र की बलि देने से आपके स्कूल की बरकत हो जाएगी और आपका नाम बढ़ेगा।
इसके बाद उन्होंने स्कूल के प्रधानाचार्य लक्ष्मण सिंह, अध्यापक वीरपाल उर्फ बीरु, राम प्रकाश सोलंकी के साथ मिलकर दो दिन पहले कार्यालय में बैठकर योजना बनाई। अध्यापक राम प्रकाश सोलंकी ने बताया कि कृतार्थ अपने माता-पिता का इकलौता पुत्र है और उसकी बलि दे दी जाए तो हमारा देवता हमसे खुश हो जाएगा।
इसके बाद 22-23 सितंबर की रात्रि को अध्यापक राम प्रकाश सोंलकी को हॉस्टल के कमरे में कृतार्थ के साथ कमरे में लेटाया गया और रात्रि में राम प्रकाश सोंलकी , वीरपाल उर्फ वीरु, लक्ष्मण कृतार्थ का मुंह दबाकर मय बिस्तर के हॉस्टल से निकालकर बाहर बरामदे में ले आए और कृतार्थ का मुंह लक्ष्मण ने दबा लिया।
राम प्रकाश सोंलकी ने कृतार्थ के पैर पकड़ लिए, वीरपाल ने कृतार्थ के गले में चाबी के रिबन से दोनों तरफ से गला दबा दिया, जिससे कृतार्थ की मौत हो गई। पहले इस मामले की जांच तत्कालीन एसओ मनीष चिकारा ने की थी। अब उनके स्थान पर आए एसओ ललित कुमार शर्मा ने जांच की।
गुपचुप खुलासा… पुलिस खामोश
गुपचुप खुलासा, खामोश पुलिस, कृतार्थ की हत्या के बाद से ही पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठते रहे हैं। पुलिस ने दो बार खुलासे किए और दोनों बार अलग- अलग कहानी गढ़ी, लेकिन एक बार भी मृतक के परिजनों को भरोसे में नहीं लिया। आम तौर पर पुलिस किसी भी घटना के खुलासे से पहले पीड़ित पक्ष को भरोसे में लेती है।
उन्हें जांच में सामने आए तथ्यों से अवगत भी कराती है। तब भी पुलिस ने प्रबंधक सहित पांच लोगों को गिरफ्तार कर सीधे कोर्ट में पेश कर दिया था। तंत्र मंत्र के फेर में हत्या किए जाने की बात कही थी। इस बार भी गुपचुप तरीके से मथुरा के रहने वाले कक्षा आठ के छात्र को हत्यारोपी बनाया है। पहले की कहानी को पूरी तरह से बदल दिया। छोटी-छोटी घटनाओं के प्रेसनोट जारी करने वाली पुलिस ने न तब और न अब गिरफ्तारी की भनक किसी को लगने दी।
कृतार्थ हत्याकांड में नया मोड़
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के डीएल पब्लिक स्कूल के कक्षा दो के छात्र कृतार्थ की हत्या कहानी को तीन माह बाद पुलिस ने बदल दिया है। आरोप पत्र में तंत्र-मंत्र में हत्या किए जाने के पुलिस पूर्व में किए गए दावे को पूरी तरह से नकार दिया है और कक्षा आठवीं के छात्र को हत्या करने का आरोपी बनाया है। पुलिस उसे 16 दिसंबर को गिरफ्तार कर मथुरा बाल सुधार गृह भेज चुकी है। पुलिस का कहना है कि स्कूल में छुट्टी कराने के लिए उसने कृतार्थ की हत्या की थी। पुलिस ने दो दिन पहले 23 दिसंबर को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संजीव कुमार त्रिपाठी के न्यायालय आरोप पत्र दाखिल किया।
इसमें पूर्व में गिरफ्तार किए गए स्कूल के प्रबंधक दिनेश बघेल समेत पांच आरोपियों से हत्या और आपराधिक साजिश रचने की धारा हटा दी है। साक्ष्य मिटाने और पुलिस को जानकारी नहीं देने का आरोपी उन्हें बनाया है। धारा कम होने के बाद उन्हें कोर्ट से जमानत भी मिल गई है। गत 23 सितंबर को सुबह कृतार्थ का शव डीएल पब्लिक स्कूल के प्रबंधक दिनेश बघेल की कार में सादाबाद में मिला था। वह विद्यालय परिसर में बने छात्रावास में रहकर पढ़ाई करता था। इस मामले में पुलिस ने 26 सितंबर को प्रबंधक दिनेश बघेल, राम प्रकाश सोलंकी, लक्ष्मण सिंह , वीरपाल सिंह, जसोदन सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
इस मामले में मौजूदा थाना अध्यक्ष सहपऊ ललित कुमार शर्मा ने इस मुकदमे की विवेचना, वादी और गवाहों के बयान के आधार पर आरोपियों पर हत्या व आपराधिक षडयंत्र आदि धाराओं का होना नहीं पाया। इन आरोपियों को साक्ष्य के विलोपन और अपराध की सूचना न दिए का आरोपी बनाया है। विवेचक ने पांचों आरोपियों की धारा परिवर्तन के लिए न्यायालय में 18 दिसंबर को प्रार्थना पत्र दाखिल किया था, जिसे न्यायालय ने स्वीकार किया।
विवेचक ने इस मामले में 23 दिसंबर को आरोप पत्र दाखिल किया। मामले में विवेचक ने न्यायालय में 436 पन्नों का आरोप दाखिल किया है। इस आरोप पत्र में 29 गवाह दर्शित किए हैं। 90 दिनों में न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया है। इधर, इन पांचों आरोपियों का जमानत प्रार्थना अधिवक्ता डॉ. पार्थ गौतम ने 24 दिसंबर को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में दाखिल किया। न्यायालय ने आरोपी दिनेश बघेल, राम प्रकाश सोलंकी, लक्ष्मन सिंह, वीरपाल सिंह एवं जशोदन सिंह उर्फ भगत को जमानत मंजूर कर दी है।
Bureau Report
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