पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक को लेकर कांग्रेस के आरोपों पर लगातार भाजपा जवाब दे रही है। इस बीच अधिकारियों ने पूर्व पीएम के स्मारक को लेकर जगह की तलाश शुरू कर दी है। पूर्व पीएम के स्मारक स्थल को लेकर कुछ जगहों के नाम सामने आए हैं। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्व पीएम का स्मारक राष्ट्रीय स्मृति स्थल और पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह के स्मारक किसान घाट के पास बन सकता है। दोनों ही जगह यमुना नदी के किनारे बनी हैं। इसके अलावा चर्चा यह भी है कि पूर्व पीएम का स्मारक संजय गांधी के समाधि स्थल और पूर्व पीएम नरसिम्हाराव की समाधि एकता स्थल के पास भी बनाया जा सकता है। हालांकि इसे लेकर फैसला सरकार को लेना है।
दरअसल, कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर देश के पहले सिख प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के लिए उचित और सम्मानजनक स्थान नहीं देने का आरोप लगाया। कांग्रेस की मांग थी कि अंतिम संस्कार ऐसे स्थान पर किया जाना चाहिए था, जहां बाद में उनका स्मारक बनाया जा सके। इसे लेकर केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा था कि केंद्र सरकार ने मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए जगह आवंटित की है और उनके परिवार को इसके बारे में सूचित भी किया है। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि स्मारक किस जगह बनेगा?
अब पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के स्मारक स्थल को लेकर जगह की तलाश की जा रही है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने राजघाट स्थित समाधि स्थलों को देखा है। इसके लिए राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्रियों के अंतिम संस्कार के लिए निर्धारित स्थान राष्ट्रीय स्मृति स्थल, पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह के स्मारक किसान घाट के पास, संजय गांधी की समाधि के पास जमीन देखी है। इसके साथ ही पीवी नरसिंह राव की समाधि एकता स्थल के पास भी स्मारक बनाने पर विचार किया जा रहा है।
यूपीए सरकार का नियम बन रहा बाधा
वर्ष 2000 में यूपीए सरकार ने राजधानी में घटती जमीन की स्थिति को लेकर चिंता जताई थी। इसके साथ ही नए स्मारक न बनाने का फैसला किया था। राष्ट्रीय प्रतिनिधियों के लिए 18 स्मारक बनाए गए हैं। इसमें राजघाट, शांति वन, शक्ति स्थल, वीर भूमि, एकता स्थल, समता स्थल और किसान घाट शामिल हैं। यह सभी स्मारक 245 एकड़ से ज्यादा जमीन पर बने हैं। जबकि संजय गांधी की समाधि भी स्मृति स्थल पर है। जिसे निगमबोध घाट के निकट बनाया गया है। निगमबोध घाट पर ही पूर्व पीएम का अंतिम संस्कार किया गया था।
Bureau Report
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