Earthquake: म्यांमार में तेज भूकंप, 12 मिनट में दो बार कांपी धरती; करीब 900 किमी. दूर बैंकॉक तक महसूस हुए झटके

Earthquake: म्यांमार में तेज भूकंप, 12 मिनट में दो बार कांपी धरती; करीब 900 किमी. दूर बैंकॉक तक महसूस हुए झटके

म्यांमार के एक के बाद एक भूकंप के दो तेज झटके महसूस किए गए हैं। शुक्रवार को लगे भूकंप के ये झटके इतने तेज थे कि लोग दहशत में आ गए और अपने घरों-दफ्तरों से बाहर निकल आए। पहला भूकंप सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर आया, इसकी तीव्रता 7.2 मापी गई। इसके बाद दूसरा झटका दोपहर 12 बजकर दो मिनट पर आया, इसकी तीव्रता 7 मापी गई।

भूकंप के झटके थाईलैंड तक महसूस किए गए। बैंकॉक में इसका सबसे ज्यादा असर देखने को मिला। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 7.2 और 7.0 रही। दोनों ही भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर गहराई में था। कुछ रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि म्यांमार में रुक-रुककर लगातार भूकंप के झटके लग रहे हैं।

पहला झटका सुबह 11.50 बजे आया

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12 मिनट बाद दूसरा झटका महसूस हुआ

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भूकंप में कई इमारतों को नुकसान पहुंचा
कुछ समाचार एजेंसियों ने रिपोर्ट किया है कि शुक्रवार को म्यांमार में 7.7 और 6.4 तीव्रता के दो लगातार भूकंप आए। दावा किया जा रहा है कि म्यांमार के मांडले में इरावदी नदी पर बना सुप्रसिद्ध अवा ब्रिज गिर गया है। भूकंप में कई इमारतों को भी नुकसान पहुंचा है। भूकंप इतना तेज था कि करीब 900 किलोमीटर दूर बैंकॉक में भी इसके झटके महसूस किए गए।

बैंकॉक में निर्माणाधीन इमारत ढह गई: पुलिस
बैंकॉक पुलिस का कहना है कि दोपहर में थाई राजधानी में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप में निर्माणाधीन ऊंची इमारत ढह गई। संभावित हताहतों की संख्या अभी तक पता नहीं चल पाई है। पुलिस के मुताबिक, बैंकॉक के लोकप्रिय चतुचक मार्केट के पास घटना हुई। इस बारे में तत्काल कोई जानकारी नहीं है कि ढहने के समय साइट पर कितने श्रमिक थे?

भारत हर संभव सहायता के लिए तैयार: पीएम मोदी
म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा कि म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के बाद की स्थिति से चिंतित हूं। सभी की सुरक्षा और खुशहाली के लिए प्रार्थना करता हूं। भारत हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है। हमने अपने अधिकारियों से तैयार रहने को कहा है। साथ ही विदेश मंत्रालय से म्यांमार और थाईलैंड की सरकारों के साथ संपर्क में रहने को कहा है।

कोलकाता, इंफाल में हल्के झटके महसूस किए गए
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बैंकॉक में 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आने के बाद कोलकाता और इंफाल में हल्के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र मध्य म्यांमार में था, जो मोनीवा शहर से लगभग 50 किलोमीटर पूर्व में है। हालांकि, अभी तक किसी नुकसान की खबर नहीं है।

बांग्लादेश में भी भूकंप महसूस किया गया
बांग्लादेश में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। ढाका और चटगांव सहित बांग्लादेश के कई इलाकों में 7.3 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया। हालांकि, अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। बांग्लादेश मौसम विभाग के मुताबिक, दोपहर 12:25 बजे भूकंप आया, जिसका केंद्र बांग्लादेश सीमा के पास म्यांमार के मांडले में था। ढाका से भूकंप के केंद्र की दूरी 597 किलोमीटर बताई गई।

भूकंप के दौरान क्या करें?
भूकंप के दौरान जितना संभव हो उतना सुरक्षित रहें। इस बात के प्रति सतर्क रहें कि कौन-से भूकंप वास्तव में इसकी पूर्व-चेतावनी देने वाले भूकंप के झटके होते हैं और बाद में बड़ा भूकंप भी आ सकता है। धीरे-धीरे कुछ कदमों तक सीमित हलचल करें जिससे पास में किसी सुरक्षित स्थान पर पहुंच सकें और भूकंप के झटकों के रुकने पर घर में तब तक रहें जब तक कि आपको यह सुनिश्चित हो जाएं कि बाहर निकलना सुरक्षित है।

यदि आप घर के अंदर हों

  • आप यदि घर के अंदर हों तो जमीन पर झुक जाएं, किसी मजबूत मेज अथवा फर्नीचर के किसी हिस्से के नीचे शरण लें या तब तक मजबूती से पकड़कर बैठे रहें जब तक कि भूकंप के झटके न रुक जाएं। यदि आपके पास कोई मेज या डेस्क न हो तो अपने चेहरे तथा सिर को अपने बाजुओं से ढक लें और बिल्डिंग के किसी कोने में झुक कर बैठ जाएं।
  • किसी आंतरिक दरवाजे के लेंटर, किसी कमरे के कोने में, किसी मेज या यहां तक कि किसी पलंग के नीचे रुककर अपने आपको बचाएं।
  • सीसे, खिड़कियों, दरवाजों तथा दीवारों से दूर रहें या ऐसी कोई चीज जो गिर सकती हो (जैसे लाइटिंग फिक्सचर्स या फर्नीचर), से दूर रहें।

यदि आप घर के बाहर हों

  • यदि आप घर के बाहर हों तो जहां हों वहां से आप न हिलें। इसके साथ ही बिल्डिंग, पेड़ों, स्ट्रीट लाइटों तथा बिजली/टेलीफोन आदि की तारों आदि से दूर रहें।
  • यदि आप किसी खुली जगह पर हों तो वहां तब तक रुके रहें जब तक कि भूकंप के झटके न रुक जाएं। सबसे बड़ा खतरा बिल्डिंग के बाहर, निकास द्वारों तथा इसकी बाहरी दीवारों के पास होता है। भूकंप से संबंधित अधिकांश दुर्घटनाएं दीवारों के गिरने, टूटकर गिरने वाले कांच तथा गिरने वाली वस्तुओं के कारण होती हैं।  

यदि किसी चलते वाहन में हों

  • जितनी जल्दी संभव हो सुरक्षा के साथ गाड़ी रोकें तथा गाड़ी में रुके रहें। बिल्डिंग, पेड़ों, ओवरपास, बिजली/टेलीफोन आदि की तारों के पास या नीचे रुकने से बचें।
  • सावधानी से भूकंप के रुकने के बाद आगे बढ़ें अथवा सड़कों, पुलों, रैम्प से बचें जो भूकंप द्वारा क्षतिग्रस्त हुए हो सकते हैं।

Bureau Report

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