
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए गृह मंत्रालय में बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला और अन्य लोग शामिल हुए। पूर्वोत्तर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद यह पहली ऐसी बैठक है। मणिपुर में मई 2023 से जातीय हिंसा जारी है और अब तक वहां 250 लोगों की जान जा चुकी है।
गृह मंत्रालय के मुताबिक, बैठक में गृह मंत्री ने निर्देश दिया कि 8 मार्च 2025 से मणिपुर में सभी मार्गों पर आम जनता की सुलभ आवाजाही सुनिश्चित की जाए और इसमें खलल डालने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री ने जबरन वसूली के सभी मामलों में सख्त कार्रवाई जारी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि मणिपुर की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर निर्धारित प्रवेश बिंदुओं के दोनों ओर बाड़ लगाने का काम जल्द से जल्द पूरा किया जाए। गृह मंत्री ने कहा कि मणिपुर को नशा मुक्त बनाने के लिए नशे के कारोबार में शामिल पूरे नेटवर्क को खत्म किया जाना चाहिए।
अधिकारियों ने मुताबिक, गृह मंत्री ने शनिवार को मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। राज्यपाल अजय कुमार भल्ला, मणिपुर सरकार, सेना, अर्धसैनिक बल के शीर्ष अधिकारी बैठक में शामिल हुए। एन बीरेन सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद 13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। राज्य विधानसभा का कार्यकाल 2027 तक है और इसे अभी निलंबित अवस्था में रखा गया है।
सुरक्षा स्थिति की समीक्षा बैठक राज्यपाल द्वारा 20 फरवरी को दिए गए उस ‘अल्टीमेटम’ के बाद आयोजित की जा रही है, जिसमें अवैध और लूटे गए हथियार रखने वाले सभी लोगों को हथियार सौंपने के लिए कहा गया है। सात दिनों की अवधि में मुख्य रूप से घाटी के जिलों में 300 से अधिक हथियार जनता द्वारा सौंपे गए। इनमें मेइती चरमपंथी समूह अरम्बाई टेंगोल द्वारा सौंपे गए 246 आग्नेयास्त्र शामिल हैं। पूर्व केंद्रीय गृह सचिव भल्ला ने लोगों द्वारा अतिरिक्त समय देने की मांग के मद्देनजर लूटे गए और अवैध हथियारों को जमा कराने की समय सीमा शुक्रवार को छह मार्च शाम चार बजे तक बढ़ा दी है।
Bureau Report
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