Rajya Sabha: राज्यसभा में राणा सांगा को लेकर सपा सांसद के बयान पर बवाल, रामजी सुमन और खरगे की माफी पर अड़ी BJP

Rajya Sabha: राज्यसभा में राणा सांगा को लेकर सपा सांसद के बयान पर बवाल, रामजी सुमन और खरगे की माफी पर अड़ी BJP

संसद के बजट सत्र के दौरान राज्यसभा में शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ। भाजपा ने सपा सांसद रामजी लाल सुमन की राणा सांगा को लेकर की गई टिप्पणी पर विरोध किया। भाजपा सांसदों ने कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे पर भी निशाना साधा। भाजपा का आरोप है कि खरगे मामले को जाति से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपाा ने मांग की है,जब तक रामजी सुमन और विपक्ष के नेता खरगे मामले में माफी नहीं मांगते, तब तक कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

इससे पहले समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन ने 21 मार्च को राज्यसभा में राणा सांगा को गद्दार कह दिया था। इस पर शुरू हुआ बवाल अब भी थमता नहीं दिखाई दे रहा है। उनकी बाबर और राणा सांगा को लेकर कुछ ऐसा कह दिया था कि वे भाजपा के तमाम नेताओं के निशाने पर आ गए थे। भाजपा ने रामजी लाल सुमन से मांगी की मांग की है।

दिल्ली से उत्तर प्रदेश तक सियासी हलकों में हंगामा
सपा सांसद के इस बयान पर दिल्ली से उत्तर प्रदेश तक सियासी हलकों में हंगामा हो गया। भाजपा नेताओं ने आक्रोश व्यक्त करते हुए बयान की निंदा की।

रामजी लाल सुमन ने क्या कहा था?
सुमन ने पिछले शुक्रवार को राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज की समीक्षा पर बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा था कि भाजपा के लोगों का तकिया कलाम हो गया है कि मुसलमानों में बाबर का डीएनए है। आखिर, बाबर को लाया कौन। इब्राहिम लोधी को हराने के लिए बाबर को राणा सांगा हिंदुस्तान में लाया था। अगर मुसलमान बाबर की औलाद हैं तो फिर तुम गद्दार राणा सांगा की औलाद हो।

उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का काम देश में सामाजिक और धार्मिक सौहार्द कायम रखना है। यह देश एक घर है। इस घर में किसी प्रकार का तनाव न हो, यह गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि हाल ही में होली पर मुसलमानों की तरफ से एक स्वर नहीं निकला, इसके बावजूद गलत बयानबाजी की गई। यूपी और बिहार के दो विधायकों ने कहा, मुसलमानों को अपने घर में होली पर कैद हो जाना चाहिए। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कभी होली पर कार्यक्रम नहीं होता था। वहां जबरिया समारोह का प्रयास किया गया। स्थानीय जनप्रतिनिधि ने कहा, जो इस कार्यक्रम का विरोध करेगा, उसे ऊपर पहुंचा दिया जाएगा। हमारे देश में कानून का राज है या जंगल का।

‘मुसलमानों के आदर्श तो मोहम्मद साहब और सूफी संतों की परंपरा’
उन्होंने कहा कि ऐसी बातें करने वाले लोगों का केंद्र व राज्य सरकार कभी विरोध नहीं करती। इसका मतलब है कि सरकार ऐसे लोगों का समर्थन करती है। राष्ट्रीय आंदोलन में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी ने एक झंडे के नीचे लड़ाई लड़ी। हिंदुस्तान के मुसलमानों का आदर्श कभी बाबर नहीं हो सकता। मुसलमानों के आदर्श तो मोहम्मद साहब और सूफी संतों की परंपरा है।

Bureau Report

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