Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश सार्वजनिक करेंगे अपनी संपत्ति, जजों की बैठक में लिया गया अहम फैसला

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश सार्वजनिक करेंगे अपनी संपत्ति, जजों की बैठक में लिया गया अहम फैसला

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक करने पर सहमति जताई है। शीर्ष अदालत में हुई न्यायाधीशों की बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक में मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना सहित 30 न्यायाधीशों ने अपनी संपत्तियों को न्यायालय की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करके सार्वजनिक रूप से प्रकट करने पर सहमति व्यक्त की। सर्वोच्च न्यायालय की वेबसाइट के मुताबिक एक अप्रैल को हुई बैठक में जजों ने संकल्प लिया कि न्यायाधीश जब भी पदभार ग्रहण करेंगे या कोई अहम जिम्मेदारी लेंगे तो उनको मुख्य न्यायाधीश के सामने अपनी संपत्ति की घोषणा करनी होगी। 

अब तक 1997 के एक प्रस्ताव के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों को अपनी संपत्ति की घोषणा मुख्य न्यायाधीश के समक्ष करनी होती थी। 2009 के एक निर्णय में न्यायालय की वेबसाइट पर संपत्ति घोषणा के स्वैच्छिक प्रकाशन की अनुमति दी गई थी, लेकिन सभी न्यायाधीशों ने ऐसा करने का विकल्प नहीं चुना। अब सुप्रीम कोर्ट के जजों ने सामूहिक रूप से संपत्ति के खुलासे को सार्वजनिक करने पर सहमति जताई। 

जिन न्यायाधीशों ने अपनी संपत्ति की घोषणा कर दी है, उनमें मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई, न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी शामिल हैं। घोषणाओं का पूरा सेट सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। 

जस्टिस यशवंत वर्मा मामले के बाद उठाया कदम
सुप्रीम कोर्ट ने यह कदम जस्टिस यशवंत वर्मा मामले के बाद उठाया है। हाल ही में दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के आवास पर आग लगने की घटना के बाद कथित तौर पर नकदी की जली हुई गड्डियां मिली थीं। विवाद के बाद उनका तबादला इलाहाबाद उच्च न्यायालय में कर दिया गया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उनका तबादला नकदी मिलने के विवाद से संबंधित नहीं था।

तेलंगाना विधानसभा अध्यक्ष पर देरी का आरोप लगाने वाली याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित 
उच्चतम न्यायालय ने कांग्रेस में शामिल हुए बीआरएस के कुछ विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिकाओं पर निर्णय लेने में तेलंगाना विधानसभा अध्यक्ष द्वारा कथित देरी का मुद्दा उठाने वाली याचिकाओं पर गुरुवार को फैसला सुरक्षित रख लिया। न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। एक याचिका में तीन विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली याचिकाओं से संबंधित तेलंगाना उच्च न्यायालय के नवंबर 2024 के आदेश को चुनौती दी गई है। जबकि दूसरी याचिका दलबदल करने वाले शेष सात विधायकों से संबंधित है। पिछले साल नवंबर में उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने कहा था कि विधानसभा अध्यक्ष को तीनों विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर उचित समय के भीतर फैसला करना चाहिए।

Bureau Report

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