The Verdict 498A: दीप्तांशु शुक्ला की कहानी पर्दे पर उतारेंगे राज शांडिल्य, ‘द वर्डिक्ट 498ए’ पर शुरू किया काम

The Verdict 498A: दीप्तांशु शुक्ला की कहानी पर्दे पर उतारेंगे राज शांडिल्य, 'द वर्डिक्ट 498ए' पर शुरू किया काम

फिल्म निर्माता राज शांडिल्य अपनी आगामी असल जिंदगी पर आधारित फिल्म के साथ भारत के सबसे विवादास्पद कानूनी मुद्दों में से एक के बारे में बात करने जा रहे हैं। उनकी नई फिल्म एक सच्ची कहानी पर आधारित है, जो इंजीनियर से वकील बने दीप्तांशु शुक्ला के जीवन से प्रेरित है। दीप्तांशु ने अपने सुनहरे करियर को छोड़कर धारा 498A के बढ़ते दुरुपयोग के खिलाफ लड़ाई लड़ी।

फिल्म की कहानी
इस फिल्म के लिए निर्माताओं ने दीप्तांशु के जीवन पर फिल्म बनाने के अधिकार खरीद लिए हैं, ताकि उनकी प्रेरक और साहस भरी यात्रा को सच्चाई के साथ पर्दे पर उतारा जा सके। बांग्ला सिनेमा में अपनी शानदार पहचान बना चुके निर्देशक अनिंद्य बिकास दत्ता इस फिल्म के जरिए हिंदी सिनेमा में कदम रख रहे हैं। यह फिल्म दिखाएगी कि कैसे झूठे दहेज उत्पीड़न के मामले कानूनी दुरुपयोग का हथियार बन गए हैं, जिससे परिवार टूट रहे हैं, निर्दोष जेल जा रहे हैं और कई लोग आत्महत्या जैसा कदम उठा रहे हैं।

धारा 498A: सुरक्षा से उत्पीड़न तक
धारा 498A को महिलाओं को घरेलू हिंसा और दहेज उत्पीड़न से बचाने के लिए बनाया गया था, लेकिन आज इसका गलत इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है, जिससे निर्दोष पुरुषों और उनके परिवारों को भारी नुकसान हो रहा है। यह सिर्फ आरोपी दूल्हे तक सीमित नहीं है, बल्कि मां, बहन, बेटी और बुजुर्ग महिलाएं भी झूठे मामलों में फंसाई जा रही हैं। लंबी कानूनी लड़ाई ने कई जिंदगियों को तबाह कर दिया है। एक कानून जो सुरक्षा के लिए था, वह अब उत्पीड़न का हथियार बन गया है। इससे सवाल उठता है कि क्या हमें ऐसे सुधारों की जरूरत नहीं, जो सभी के लिए निष्पक्षता सुनिश्चित करें?

आंकड़े और दर्दनाक हकीकत
झूठे आरोपों के मामले बढ़ रहे हैं और इसके परिणाम भयावह हैं। अतुल सुभाष, मानव शर्मा, पुनीत खुराना, पेटारू गोल्लापल्ली और निशांत त्रिपाठी जैसे मामलों ने समाज को झकझोर दिया है। इन लोगों ने झूठे आरोपों के दबाव और शर्मिंदगी से बचने के लिए अपनी जान दे दी। समाज तुरंत फैसला सुना देता है और कानूनी लड़ाई सालों तक चलती है, जिससे कई लोग आत्महत्या को ही रास्ता मान लेते हैं। अतुल सुभाष ने अपनी जान देकर अपने परिवार को कानूनी पीड़ा से बचाने की कोशिश की, लेकिन उनकी कहानी अकेली नहीं है-देश भर में ऐसे हजारों मामले हैं, जहां इस कानून के दुरुपयोग ने जिंदगियां बर्बाद कर दीं।

दीप्तांशु शुक्ला ने उठाई आवाज
आईआईटी कानपुर से इंजीनियरिंग करने वाले दीप्तांशु शुक्ला की जिंदगी तब बदल गई, जब उन पर धारा 498A के तहत झूठा आरोप लगा। शक्तिशाली राजनीतिक रसूख और अन्याय के आगे हार मानने के बजाय उन्होंने कानून को समझने और उसका जवाब देने का फैसला किया। बाद में उन्होंने वकालत की पढ़ाई की और निर्दोष पुरुषों की आवाज बने। आज वह उन लोगों के लिए प्रेरणा हैं, जो इस कानूनी जाल में फंसे हैं। उनकी कहानी साबित करती है कि एक इंसान की लड़ाई बदलाव की शुरुआत कर सकती है।

फिल्म की कहानी पर क्या बोले राज शांडिल्य
राज शांडिल्य अपनी फिल्म ‘द वर्डिक्ट 498A’ के जरिए समाज के सामने एक नई सोच रखना चाहते हैं। उनका कहना है, ‘यह सिर्फ दीप्तांशु की कहानी नहीं है, बल्कि उन हजारों परिवारों की भी है, जो चुपचाप इस पीड़ा को झेल रहे हैं। एक ऐसा सिस्टम, जो न्याय को हथियार बना दे, उसे सुधारना जरूरी है। महिलाओं की सुरक्षा के नाम पर निर्दोषों की जिंदगी बर्बाद नहीं होनी चाहिए। असली समानता तभी आएगी, जब सबके लिए न्याय हो। अतुल सुभाष का दुखद अंत एक दिल दहला देने वाली याद दिलाता है कि सिस्टम उन्हीं लोगों को विफल कर रहा है, जिनकी रक्षा करने के लिए इसे बनाया गया था, लेकिन हार मान लेना इसका जवाब नहीं है। यह फिल्म झूठे आरोपों से जूझ रहे लोगों को हिम्मत देगी। जिंदगी ईश्वर का तोहफा है, इसे झूठ के हाथों नष्ट न होने दें।’

भारत सरकार से की ये मांग
राज शांडिल्य ने भारत सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग की है। उनका कहना है, ‘न्याय के नाम पर कानून का दुरुपयोग करने वालों को सजा मिलनी चाहिए। मैं माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से अपील करता हूं कि देश को पुरुष संरक्षण अधिनियम की जरूरत है। न्याय किसी एक पक्ष का नहीं, सबके लिए बराबर होना चाहिए।’ वहीं, निर्देशक अनिंद्य बिकास दत्ता ने कहा, ‘झूठे आरोप सिर्फ आरोपी को नहीं, पूरे परिवार को तोड़ देते हैं। एक गढ़ा हुआ केस किसी को आत्महत्या के कगार पर पहुंचा सकता है। अब वक्त आ गया है कि समाज जागे और निष्पक्ष सिस्टम की मांग करे।’

फिल्म का निर्माण
‘द वर्डिक्ट 498A’ जल्द ही शुरू होने वाली है। इसे कथावाचक फिल्म्स के बैनर तले राज शांडिल्य और विमल लाहोटी प्रोड्यूस करेंगे। यह कथावाचक फिल्म्स की दूसरी फिल्म होगी, जिसकी पहली फिल्म ‘विक्की विद्या का वो वाला वीडियो’ थी। अभी प्री-प्रोडक्शन में चल रही यह फिल्म हिंदी, तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ में रिलीज होगी।

Bureau Report

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