नईदिल्ली: देश में कोरोना वायरस के कारण बेहद गंभीर स्थिति बनी हुई है. देश के इन हालातों पर पूरी दुनिया चिंतित है क्योंकि इससे सभी को खतरा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी देश में कोरोना की दूसरी लहर में हो रही मौतों पर चिंता जताई है. डब्ल्यूएचओ की चीफ साइंटिस्ट डॉ.सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि भारत में कोविड-19 के आंकड़े चिंतित करने वाले हैं और सरकार को सही आंकड़े बताने चाहिए.
अगस्त तक 10 लाख मौतों का अनुमान
देश के कई विशेषज्ञ भी कह चुके हैं कि जितनी बड़ी संख्या में शवों का अंतिम संस्कार हो रहा है, उसे देखते हुए मौतों की असल संख्या बताए जा रहे आंकड़ों से कहीं ज्यादा है. एएनआई को दिए इंटरव्यू में डॉ.स्वामीनाथन ने कहा है कि इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवाल्यूश (IHME) ने मौजूदा आंकड़ों के आधार पर अगस्त तक 10 लाख लोगों की मौत होने का अनुमान लगाया है. हालांकि समय के साथ इसमें बदलाव भी हो सकता है.
सभी देशों ने दिखाए कम आंकड़े
डॉ.स्वामीनाथन ने यह भी कहा कि सभी देशों ने कम आंकड़े दिखाए हैं. असल संख्या कुछ और है. सरकारों को असल आंकड़े दिखाने चाहिए. इससे एक दिन पहले ही डब्ल्यूएचओ ने देश में पिछले साल मिले भारतीय वेरिएंट B.1617 को पूरी दुनिया के लिए चिंताजनक बताया था. यह वेरिएंट बेहद संक्रामक है.
चिंताजनक श्रेणी में रखा गया है यह वेरिएंट
डब्ल्यूएचओ में कोविड-19 तकनीकी दल से जुड़ीं डॉ. मारिया वैन केरखोव ने सोमवार को कहा था कि भारत में मिले B.1617 वेरिएंट को पहले निगरानी वाली श्रेणी में रखा गया था. संगठन लगातार इस वेरिएंट से होने वाले संक्रमण से संबंधित जानकारियों पर नजर बनाए हुए है. भारत समेत कई देशों में इस वायरस के फैलने को लेकर कई अध्ययन हो रहे हैं. वेरिएंट को लेकर उपलब्ध जानकारी और इसके बेहद संक्रामक होने के कारण इसे चिंताजनक वेरिएंट की श्रेणी में रखा गया है.
Bureau Report
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