नईदिल्ली: श्रीलंका में भीषण आर्थिक संकट के बीच वहां से विपक्ष ने भारत से मदद की गुहार लगाई है। श्रीलंका में विपक्ष के नेता साजिथ प्रेमदासा ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके देश को "अधिकतम संभव सीमा" तक मदद करने का आग्रह किया।
बता दें कि घटते विदेशी भंडार और ईंधन व भोजन की भारी कमी के साथ कर्ज में डूबा देश दशकों में अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। श्रीलंका में विपक्ष के नेता साजिथ प्रेमदासा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संदेश दिया- कृपया कोशिश करें और श्रीलंका की यथासंभव मदद करें। यह हमारी मातृभूमि है, हमें अपनी मातृभूमि को बचाने की जरूरत है।
इससे पहले आज, श्रीलंकाई नेता ने कैबिनेट के सामूहिक इस्तीफे को देश के लोगों को “धोखा देने के लिए बनाया गया मेलोड्रामा” करार दिया। आर्थिक संकट से पैदा हुए राजनीतिक संकट के बीच प्रेमदासा ने कहा कि इस्तीफे श्रीलंका को राहत देने के लिए “वास्तविक प्रयास” नहीं हैं, बल्कि लोगों को “मूर्ख बनाने की कवायद” है।
उन्होंने कहा, “यह एक मेलोड्रामा है जो हमारे देश के लोगों को ठगने के लिए किया जा रहा है। यह हमारे देश के लोगों को किसी प्रकार की राहत देने की दिशा में कोई वास्तविक प्रयास नहीं है। यह लोगों को बेवकूफ बनाने की कवायद है।”
प्रेमदासा ने तर्क दिया कि श्रीलंका एक “अग्रणी ठोस बदलाव” चाहता हैका जो उसके लोगों को राहत दे न कि राजनेताओं को राहत दे। उन्होंने कहा कि राजनीति संगीतमय कुर्सियों का गेम नहीं है।
इस बीच, श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने राष्ट्रीय संकट का समाधान खोजने के लिए विपक्षी दलों को एकता सरकार में शामिल होने का न्योता दिया है। सभी राजनीतिक दलों को लिखे पत्र में, राजपक्षे ने मौजूदा संकट के लिए “कई आर्थिक और वैश्विक कारकों” को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों को निमंत्रण भेजकर मंत्री पद लेने का आग्रह किया है।
Bureau Report
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