झुंझुनूं: कोरोना महामारी के चलते पिछले दो सालों में थल सेना में भर्ती रैलियों का आयोजन नहीं हुआ है. इसको लेकर राजस्थान के युवाओं में जमकर आक्रोश है. भर्ती की प्रकिया रुकने का सबसे ज्यादा असर चुरू, झुंझुनूं, सीकर और नागौर जिले पर पड़ा है. इन जिलों में भर्ती शुरू कराने के लिए सोशल मीडिया पर अभियान चलाने से लेकर धरना प्रदर्शन तक आयोजित हो रहे हैं.
50 घंटे में पूरा किया 300 KM का सफर
इसी मुद्दे को लकर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए नागौर निवासी सुरेश भींचर ने सीकर से दिल्ली तक का सफर दौड़कर पूरा किया. 29 मार्च की रात 9 बजे सीकर के जिला स्टेडियन से निकले सुरेश 2 अप्रैल की शाम 6 बजे दिल्ली पहुंचे. जहां उन्होंने सांसद हनुमान बेनीवाल को ज्ञापन सौंपा. सुरेश ने कुल पचास घंटे में 300 किलोमीटर का सफर पूरा किया.
सुरेश ने बताया कि उन्होंने एक घंटे में 6 किलोमीटर की दौड़ पूरी करने का लक्ष्य रखा था. उनके साथ सफर में पेट्रोलिंग के लिए तीन दोस्त और थे. उन्होंने ये भी कहा कि इस दौरान उन्होंने सिर्फ एक दिन होटल में खाना खाया बाकी का इंतजाम फौज में नौकरी की तैयारी करने वाले युवाओं ने अलग-अलग इलाकों में किया.
सात साल से जारी है सफर
सुरेश, सीकर की एक डिफेंस एकाडमी से ट्रेनिंग ले रहे हैं. वो 2015 से सेना में भर्ती होना चाहते हैं पर किसी न किसी वजह से उनका ये सपना अधूरा है. सुरेश की फर्राटा दौड़ के चर्चे आस-पास के जिलों में भी गूंजते हैं. उन्होंने 2018 में नागौर में हुई सेना भर्ती में 1600 मीटर की दौड़ 4 मिनट और 4 सेकेंड में पूरी करके रिकॉर्ड बनाया था.
सुरेश ने बताया कि पहले से तय कार्यक्रम के तहत इस मामले को लेकर पांच अप्रैल को जंतर मंतर में प्रदर्शन का कार्यक्रम बनाया गया था. इससे पहले भर्ती टलने से नाराज राजस्थान के कुछ युवाओं ने सरकार का पुतला भी फूंका था.
सरकार ने दिया जवाब
रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने राज्यसभा में प्रश्न काल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में कहा था कि कोरोना महामारी के कारण 2020 और 2021 में भारतीय थल सेना में भर्ती प्रक्रिया स्थगित हुई और इस पर कोई रोक नहीं लगाई गई है. उन्होंने ये भी कहा, ‘कोरोना का प्रकोप कम हुआ है, लेकिन खत्म नहीं हुआ है. इसके बावजूद परिस्थितियों का ध्यान रखते हुए वायु सेना और नौसेना में ऑनलाइन भर्ती प्रक्रिया जारी रही और कर्मियों की भर्ती की गई है.’
Bureau Report
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