अनंतनाग: दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के एक छोटे से गांव में आधा दर्जन घर बनाए जा रहे हैं या उनकी मरम्मत की जा रही है। ये घर कश्मीरी पंडितों के हैं, जो 1990 के दशक की शुरुआत में उग्रवाद बढ़ने पर कश्मीर घाटी से पलायन कर गए थे। इस कॉलोनी में लगभग 15 कश्मीरी पंडित परिवार वापस आ गए हैं या लौटने की योजना बना रहे हैं। ये घर सालों से जर्जर हालत में थे और अब अंतत: ऐसा लगता है कि इन कॉलोनियों में फिर से रौनक लौटने वाली है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मार्तंड मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष अशोक कुमार सिद्ध ने कहा, “हां, यह सच है कि मकान फिर से बन रहे हैं। कश्मीरी पंडित समुदाय आखिरकार अपने घरों को लौटने की सोच रहा है। जम्मू में पंडित समुदाय भी लौटने की सोच रहा है। हम अपने आसपास कितने प्यार से रहते थे। लोग आना चाहते हैं। करीब 15 घर ऐसे हैं जो बन रहे हैं। कुछ वर्षों में और भी मकान बनेंगे। मुझे यकीन है कि अगर हालात शांतिपूर्ण रहे, तो हर कोई वापस आ जाएगा।”
‘लोग वापस आए हैं और खुशी से रह रहे’
पिछले कुछ सालों में ऐसे कई परिवार घाटी में वापस आ गए हैं और खुशी से रह रहे हैं। मातन गांव में सबसे ज्यादा कश्मीरी पंडित अपने वतन लौट रहे हैं। बिना किसी सरकारी मदद के इन लोगों ने अपने पुराने घरों का निर्माण या मरम्मत शुरू कर दी है। कुछ स्थानीय मुस्लिम कश्मीरी कहते हैं कि चीजें वापस लौट रही हैं, जैसे वे पहले 1980 और उससे पहले हुआ करती थीं।
‘हम हमेशा ही मिलजुल कर रहे’
रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय पड़ोसी मोहम्मद रजब लोन ने कहा, “उनमें से बहुत से लोग वापस आ गए हैं और बहुत से वापस आ रहे हैं। हम हमेशा भाईचारे में रहे हैं। यहां कई नए घर बन रहे हैं। जैसा कि आप देख सकते हैं कि इस कॉलोनी में कई घर बन रहे हैं। हम उनके साथ हैं और उनका वापस लौटना पसंद करेंगे। हम हमेशा अपने बड़े दिनों को एक साथ मनाते थे। काका जी बहुत वर्षों के बाद लौटे हैं। उसका घर पहले से ही है, और वह जल्द ही उसमें रहने के लिए आएंगे। उन्हें हम पर बहुत भरोसा है, और हमें उन पर भी बहुत भरोसा है।”
Bureau Report
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