पंजाब में मुफ्त बिजली के प्लान पर बोला विभाग- 5,000 करोड़ का पड़ेगा बोझ, यह सही वक्त नहीं

पंजाब में मुफ्त बिजली के प्लान पर बोला विभाग- 5,000 करोड़ का पड़ेगा बोझ, यह सही वक्त नहीं
पंजाब: पंजाब में नवनिर्वाचित आम आदमी पार्टी सरकार सीमावर्ती राज्य में सभी को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने के अपने सबसे बड़े चुनावी वादे को लागू करने को लेकर खुद को मुश्किल में पा रही है। भले ही पार्टी के शीर्ष नेता इस सप्ताह मुफ्त बिजली की घोषणा करने के लिए दृढ़ हैं, लेकिन कर्ज में डूबे पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) का मानना है कि इसे गर्मियों के बाद ही लागू किया जाना चाहिए। 

आपको बता दें कि बढ़ते तापमान के साथ पंजाब में बिजली की मांग पहले ही 8,000 मेगावाट पर पहुंच गई है। अगले एक महीने में गेहूं की कटाई और धान की बुवाई का मौसम शुरू होने के साथ बिजली की मांग 15,000 मेगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है। सूत्रों के अनुसार पीएसपीसीएल ने नेतृत्व को अवगत करा दिया है कि अब बिजली के अंधाधुंध प्रयोग से मांग में वृद्धि हो सकती है।

इसके अलावा पंजाब के बिजली संयंत्रों को ईंधन देने के लिए कोयले की मांग भी काफी बढ़ गई है। चार इकाइयां बंद हो गई हैं, जिससे 1,400 मेगावाट बिजली का नुकसान हुआ है। कोयले की कमी के कारण जीवीके थर्मल प्लांट की दो इकाइयां बंद हैं, जबकि मानसा में तलवंडी साबो पावर लिमिटेड की एक इकाई तकनीकी खराबी के कारण बंद है। रोपड़ में गुरु गोबिंद सिंह सुपर थर्मल प्लांट की एक इकाई वार्षिक रखरखाव के लिए बंद है। 

इकोनॉमिक्स टाइम्स  की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पीएसपीसीएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘इस तरह के कदम उठाने के समय का ठीक से आकलन करने की जरूरत है। हालांकि इस तरह के लोकलुभावन कदम के लिए कोई समय अच्छा नहीं है, लेकिन इसे मानसून के महीनों के दौरान लागू किया जा सकता है।’

मुफ्त बिजली के वादे को लागू करने में नौकरशाही की अनिच्छा के पीछे भारी सब्सिडी बिल है जिसे राज्य को वहन करना होगा। पंजाब पर 3 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है। सभी घरों के लिए मुफ्त बिजली का मतलब 5,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ होगा। वर्तमान में पंजाब में कृषि परिवारों को मुफ्त बिजली के साथ-साथ सभी अनुसूचित जातियों, पिछड़ी जातियों और गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) परिवारों के लिए 200 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाती है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य का कुल बिजली सब्सिडी बिल 10,668 करोड़ रुपये था। इसमें से 7,180 करोड़ रुपये किसानों को और 1,627 करोड़ रुपये एससी, पिछड़ी जातियों और बीपीएल परिवारों को सब्सिडी के रूप में दिए गए। 

आप के सूत्रों ने संकेत दिया कि पार्टी मुफ्त बिजली के अपने वादे से पीछे हटने को तैयार नहीं है। यह आप के द्वारा-पंजाब में किया गया पहला वादा है। वह इसे 73.39 लाख उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराना चाहती है।

Bureau Report

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