नईदिल्ली: पंजाब की भगवंत मान सरकार को बने एक महीने का वक्त बीत चुका है. इस एक महीने में नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कई बड़े ऐलान किए. उन्होंने सरकार बनते ही युवाओं को रोजगार से लेकर स्कूल फीस के संबंध में कई अहम घोषणाएं की. लेकिन एक और जहां मान सरकार जनता के लिए घोषणाओं की पेशकश कर रही थी वहीं दूसरी और दिल्ली में राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के अधिकारियों के चलते विवादों में भी आई. आइए मान सरकार के इस एक महीने के कार्यकाल के बारे में बताते हैं.
एक महीने में हुईं ये 10 बड़ी घोषणाएं
1. पंजाब के मुख्यमंत्री बनने के बाद भगवंत मान ने पहली कैबिनेट की मीटिंग में युवाओं को 25000 नौकरियां देने का ऐलान किया. हालांकि अब तक इसके लिए कोई विज्ञापन जारी नहीं हुआ है. मान ने कहा था कि उनका पहला फैसला युवाओं को रोजगार देना होगा.
2. इसके बाद उनका दूसरा बड़ा फैसला 35000 संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के चलते इसको लागू करने में दिक्कत होगी.
3. मान सरकार ने तीसरा फैसला स्कूल फीस में लगाम लगाने के लिए किया. सरकार ने स्कूल फीस में बढ़त पर भी लगाम लगाने की घोषणा कर दी.
4. इसके अलावा सरकार ने आटा दाल योजना के तहत लाभार्थियों के घर पर अनाज पहुंचाने का फैसला भी लिया गया है. हालांकि अभी तक ये योजना भी लागू नहीं हो पाई है.
5. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अधिकारियों से फील्ड पर जाकर लोगों की परेशानियां सुनने के लिए भी कहा है.
6. इसके साथ ही उन्होंने लोगों के मु्द्दों पर विचार करने के लिए चंडीगढ़ स्थित सीएमओ के साथ हर जिले में सीएम कार्यालय और नोडल अधिकारी तैयार करने की घोषणा की है.
7. सरकार ने एंटी-गैंगस्टर टास्कफोर्स का गठन भी किया है.
8. आप सरकार ने कई विधायकों की पेंशन खत्म कर दी है. राज्य में कई विधायक प्रति माह तीन लाख रुपये से ज्यादा पेंशन ले रहे थे.
9. सीएम मान ने शहीद भगत सिंह के शहादत दिवस पर एंटी-करप्शन हेल्पलाइन की शुरुआत की. फिलहाल, इस हेल्पलाइन पर लोगों की अच्छी प्रतिक्रिया मिली है. दो अधिकारियों के खिलाफ मामले भी दर्ज किए जा चुके हैं.
10. सरकारी कार्यालयों में शहीद भगत सिंह और बाबा साहेब अम्बेडकर की तस्वीरें
11. आज सरकार के गठन का एक महीना पूरा होने पर मान सरकार ने 1 जुलाई से 300 यूनिट फ्री बिजली देने का भी ऐलान किया है. शुक्रवार को सीएम ने इस बारे में कहा था कि उनकी सरकार जल्दी ही राज्य के लोगों को ‘खुशखबरी’ देगी. उनका इशारा घरेलू उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली आपूर्ति की ओर था.
इस वजह से विवादों में रही सरकार
हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के नौकरशाहों के साथ बैठक की थी. इसे लेकर विपक्षी दलों ने आम आदमी पार्टी की सरकार और मुख्यमंत्री भगवंत मान पर सवाल उठाए थे. पंजाब कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि पंजाब सरकार चंडीगढ़ से नहीं दिल्ली से चल रही है. अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के मुख्य सचिव, बिजली सचिव (दिल्ली में) को फोन किया था. यह असंवैधानिक है और पंजाब पर अप्रत्यक्ष नियंत्रण है.
बैठक में मौजूद नहीं थे सीएम मान
इसके अलावा केजरीवाल ने पंजाब बिजली विभाग के अन्य अधिकारियों के साथ पीएसपीसीएल प्रमुख के मुख्य सचिव से मुलाकात की थी. इस बैठक में खुद मुख्यमंत्री भगवंत मान मौजूद नहीं थे. ऐसा माना जा रहा है कि इस बैठक में पंजाब में 300 यूनिट फ्री बिजली योजना को लेकर चर्चा की गई. इस मुद्दे को लेकर विपक्ष ने भी सवाल उठाए कि प्रोटोकॉल इस बात की अनुमति नहीं देता कि पंजाब के अधिकारी पंजाब से जुड़े मुद्दों पर चर्चा दिल्ली के सीएम के साथ करें. इसके अलावा हिंसा के बीच ट्रक यूनियनों पर नियंत्रण करने के चलते भी पार्टी काफी विवादों में रही. राज्य के कई हिस्सों से जबरन नियंत्रण और हिंसा की खबरें सामने आई थी.
Bureau Report
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