नईदिल्ली: जहांगीरपुरी हिंसा के कथित मास्टरमाइंड अंसार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने प्रवर्तन निदेशालय को पत्र लिखकर जहांगीरपुरी हिंसा मामले के मुख्य आरोपी अंसार के खिलाफ पीएमएलए के तहत कार्रवाई करने की अपील की है। पुलिस यह जानना चाहती है कि अंसार को फंडिंग कहां से हो रही थी।
जानकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस को शक है कि हिंसा के लिए 38 वर्षीय अंसार को विदेश से फंडिंग की गई थी। इसे देखते हुए दिल्ली पुलिस ने जहांगीरपुरी सांप्रदायिक हिंसा के कथित मुख्य साजिशकर्ता अंसार शेख की संपत्तियों और उसकी आय के स्रोतों की जांच करने के लिए शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पीएमएलए एक्ट के तहत कार्रवाई करने के लिए कहा है।
प्रवर्तन निदेशालय ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस का एक पत्र मिला है जिसमें जहांगीरपुरी की घटना के संबंध में विशेष रूप से मुख्य आरोपी अंसारी के खिलाफ फंडिंग की जांच करने का अनुरोध किया गया है। आरोपी के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए ईडी सभी दस्तावेजों को खंगाल रही है।
क्राइम ब्रांच के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपना नाम उजागर नहीं करते हुए कहा कि अंसार को विदेश से धन प्राप्त करने में शामिल पाया गया है। कथित तौर पर पश्चिम बंगाल के हल्दिया उसकी एक आलीशान कोठी है और अपने समुदाय के लोगों के लिए बहुत दान करता है। हमें संदेह है कि राजधानी में सांप्रदायिक अशांति पैदा करने में इसका इस्तेमाल करने के लिए उसे अक्सर बाहर से धन प्राप्त होता है। हम इस लोहे के कबाड़ डीलर के आतंकवादियों और अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के साथ संबंधों की भी जांच कर रहे हैं क्योंकि कथित तौर पर उसके पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश, असम और हल्दिया के लोगों के साथ गहरे संबंध हैं। जहांगीरपुरी में हजारों बांग्लादेशी शरणार्थी रहते हैं। घटना के समय और स्थान का संज्ञान लेते हुए, हम राष्ट्र विरोधी तत्वों के साथ उसके संबंधों से इनकार नहीं कर सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि अंसार की गतिविधियों और फोन कॉल की जांच की जा रही है। हम सांप्रदायिक हिंसा भड़कने से कुछ हफ्ते पहले उसके द्वारा किए गए फोन कॉल की भी जांच कर रहे हैं। इससे हमें यह स्पष्ट पता चल सकेगा कि अंसार किस-किस के नियमित संपर्क में था।
गौरतलब है कि, 16 अप्रैल को हनुमान जयंती पर निकाली गई शोभायात्रा के दौरान पथराव के बाद दो समुदाय के लोगों के बीच हिंसा भड़क गई थी, जिसमें एक आम नागरिक और आठ पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में अब तक दोनों समुदायों के 25 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है और दो किशोरों को भी हिरासत में लिया गया है।
Bureau Report
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