नईदिल्ली: चीन में बर्ड फ्लू के H3N8 स्ट्रेन के पहले मामले की पुष्टि हुई है. हालांकि, स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि लोगों के बीच अभी इस संक्रमण के फैलने का जोखिम कम है.
2002 में देखा गया सबसे पहला मामला
बता दें कि H3N8 का मामला 2002 में सबसे पहले उत्तरी अमेरिकी में देखा गया था. इसके बाद इससे घोड़े, कुत्ते और सील संक्रमित हुए थे, लेकिन इंसानों में इस संक्रमण का असर नहीं देखा गया था.
बुखार के बाद लड़के का हुआ था टेस्ट
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने कहा कि मध्य हेनान प्रांत में रहने वाले एक 4 वर्षीय लड़के ने इस महीने की शुरुआत में बुखार और अन्य लक्षणों के साथ अस्पताल में भर्ती होने के बाद टेस्ट कराया. जिसमें वह इस वायरस से पॉजिटिव पाया गया था. आयोग ने एक बयान में कहा कि लड़के के परिवार ने घर पर मुर्गियों को पाला था और परिवार जंगली बत्तखों की आबादी वाले इलाके में रहता था.
संक्रमण के फैलने का खतरा कम
आयोग ने कहा कि लड़का सीधे पक्षियों से संक्रमित था. लड़के का मामला एकतरफा क्रॉस-प्रजाति संक्रमण है और इसके लोगों के बीच बड़े पैमाने पर फैलने का खतरा कम है. हालांकि, इसके बावजूद आयोग ने जनता को मृत या बीमार पक्षियों से दूर रहने और बुखार या सांस संबंधी लक्षणों के दिखने पर तत्काल इलाज कराने को कहा है.
मुर्गी पालन से होता है ये फ्लू
बता दें कि एवियन इन्फ्लूएंजा मुख्य रूप से जंगली पक्षियों और मुर्गी पालन में होता है. मनुष्यों के बीच इसके फैलने के मामले अत्यंत दुर्लभ हैं. यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के अनुसार, 1997 और 2013 में पाए गए बर्ड फ्लू के H5N1 और H7N9 स्ट्रेन, एवियन इन्फ्लूएंजा से मानव बीमारी के अधिकांश मामलों के लिए जिम्मेदार हैं. 2012 में, H3N8 से संयुक्त राज्य अमेरिका के उत्तरपूर्वी तट पर 160 से अधिक सील की मौत हो गई थी. इनमें से अधिकतर
जानवरों में घातक निमोनिया हुआ था.
Bureau Report
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