नईदिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सत्र दो की लिखित परीक्षाएं जारी हैं। स्कूली बच्चों में कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद बोर्ड ने संक्रमित परीक्षार्थियों की परीक्षा न छूटे इसके लिए भी नियम बनाए हैं, लेकिन बुधवार को सेक्टर-30 एक स्कूल परीक्षा देने के लिए एक परीक्षार्थी को दो घंटे तक भटकना पड़ा। बाद में उच्च अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद छात्र को अलग कमरे में बैठाकर परीक्षा दिलाई गई।
बुधवार को जिले में 53 केंद्रों पर दसवीं की अंग्रेजी की परीक्षा थी। नोएडा निवासी एक अभिभावक ने बताया कि उसका बेटा सेक्टर-44 स्थित एक निजी स्कूल में दसवीं का छात्र है। बोर्ड परीक्षा के लिए उसका सेंटर सेक्टर-30 स्थित एक स्कूल को बनाया गया है। गत दिनों उसकी हल्की सी तबीयत खराब हुई। जांच कराई तो वह कोरोना पॉजिटिव मिला। इसके संबंध में उन्होंने खुद ही स्कूल को सूचना दी।
बुधवार को अभिभावक छात्र को रिपोर्ट के साथ स्कूल पहुंचे, यहां प्रबंधन को छात्र की जानकारी दी गई। लेकिन स्कूल प्रबंधन ने बोर्ड से संक्रमित को परीक्षा दिलाने का कोई आदेश न होने का हवाला देकर छात्र को परीक्षा दिलाने से हाथ खड़े कर दिए। दो घंटे तक छात्र व अभिभावक परीक्षा के लिए इधर-उधर भटकते रहे। कई उच्च अफसरों से बातचीत की।
स्कूल के जिम्मेदारों के हस्तक्षेप के बाद जब गाइडलाइन खंगाली गई तो छात्र को परीक्षा में बैठने दिया। छात्र को अलग कमरे में बैठाकर परीक्षा दिलाई गई। छात्र के पिता ने आरोप लगाया कि समय पर परीक्षा न होने से कई प्रश्न भी छूट गए। इसके अलावा अन्य दो केंद्रों पर भी संक्रमितों ने परीक्षा दी।
अंग्रेजी का पेपर देख छात्रों के खिले चेहरे
अंग्रेजी का पेपर देख परीक्षार्थियों के चेहरे खिल गए। छात्र अजय ने बताया कि अंग्रेजी का पेपर 40 नंबर का था। प्रश्न पत्र बेहद आसान था। छात्र यथार्थ ने बताया कि ऑफलाइन परीक्षा को लेकर मन में जो डर था, वह कॉलेज में दूर हो गया।
अभिभावक दिखे बेपरवाह
कोरोना को देखते हुए छात्र तो सतर्क हैं, लेकिन अभिभावक बेपरवाह हो गए हैं। बुधवार को केंद्रों पर परीक्षार्थियों ने तो मास्क समेत अन्य कोरोना नियमों का पालन करते हुए परीक्षा दी, लेकिन बाहर उनके इंतजार में खड़े अभिभावक सभी नियम भूले नजर आए। अभिभावक सामाजिक दूरी न मास्क लगाकर समूह में एक दूसरे से बात करते दिखे।
केंद्रों पर नहीं देखी रिपोर्ट
भले ही केंद्रों पर छात्रों को कोरोना संक्रमण से बचाने के दावे किए जा रहे हो, लेकिन किसी भी केंद्र पर विद्यार्थियों की कोरोना जांच रिपोर्ट नहीं मांगी जा रही है। ऐसे में संक्रमित विद्यार्थी भी बिना किसी को बताएं केंद्र में सामान्य विद्यार्थियों के बीच बैठकर परीक्षा दे रहे हैं। वहीं, बोर्ड ने बिना टीकाकरण वाले छात्रों को भी परीक्षा देने के आदेश दिए हैं, ऐसे में स्कूल प्रबंधन भी मजबूर है।
Bureau Report
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