नईदिल्ली: दिल्ली-एनसीआर ही देश के कई अन्य राज्यों में भी बिजली संयंत्रों में कोयले की संभावित कमी का मसला गंभीर हो गया है। इस बीच दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार ने भी राष्ट्रीय राजधानी को बिजली की आपूर्ति करने वाले बिजली संयंत्रों में कोयले की संभावित कमी पर चिंता व्यक्त की है। अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार सुबह ट्वीट कर कहा है कि हम हालात को किसी तरह मैनेज किए हुए हैं, लेकिन दिल्ली ही नहीं पूरे भारत की स्थिति गंभीर है। इस समस्या से निपटने के लिए ठोस कदम उछाने की जरूरत है।
बता दें कि दिल्ली में कोई भी कोयले का प्लांट नहीं है। हालांकि, तीन छोटे-छोटे प्लांट हैं, जहां गैस से बिजली का उत्पादन होता है। दिल्ली पूरी तरह केंद्र सरकार पर निर्भर है ऐसे में अगर समस्या दूर नहीं होती है तो दिल्ली में ब्लैक आउट के हालात बन सकते हैं।
दिल्ली मेट्रो के साथ अस्पतालों और अन्य संस्थानों पर भी पड़ सकता है असर
बता दें कि राजधानी दिल्ली में दादरी-दो, ऊंचाहार, कहलगांव, फरक्का और झज्जर बिजली संयंत्र से प्रतिदिन 1751 मेगावाट बिजली की आपूर्ति होती है। इनमें सबसे ज्यादा दादरी दो से 728 मेगावाट और ऊंचाहार से एक सौ मेगावाट बिजली मिलती है। यदि इन संयंत्रों से बिजली आपूर्ति बाधित हुई तो दिल्ली मेट्रो के साथ राजधानी के कई अस्पतालों सहित कई आवश्यक संस्थानों को 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने में परेशानी आ सकती है।
इस बीच बृहस्पतिवार को ही दिल्ली सरकार ने केंद्र को पत्र लिखकर ताप विद्युत संयंत्रों को पर्याप्त कोयला उपलब्ध कराने के लिए हस्तक्षेप करने को कहा था। नेशनल पावर पोर्टल की दैनिक कोयला रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल थर्मल के कई बिजली स्टेशनों पर कोयले की भारी कमी है। इसके साथ दिल्ली समेत कई अन्य राज्यों में भी कोयले की कमी की वजह से बिजली संकट गहराता जा रहा है। इस बीच दिल्ली सरकार ने मेट्रो, अस्पतालों और अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को निर्बाध बिजली आपूर्ति मुहैया कराने में असमर्थता जताई है।
वहीं, दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि बिजली संयंत्रों से दिल्ली को कुल मांग की लगभग 30 प्रतिशत बिजली मिलती है। इस बीच गर्मी में लगातार इजाफा हो रहा है, ऐसे में अगर बिजली आपूर्ति बाधित होती है तो दिल्लीवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। दिल्ली में बिजली संकट न हो इसके लिए दिल्ली सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
बिजली संयंत्रों में कोयले की उपलब्धता
दादरी- दो में एक दिन का, ऊंचाहार में दो दिनों का, कहलगांव में साढ़े तीन दिनों का, फरक्का में पांच दिनों का और झज्जर (अरावली) में आठ दिनों के लिए कोयला उपलब्ध है। पिछले साल जुलाई-अगस्त में भी कई संयंत्रों में कोयले की कमी से दिल्ली की बिजली वितरण कंपनियों को महंगी बिजली खरीदनी पड़ी थी। दादरी दो से दिल्ली को मिलने वाली बिजली का आवंटन हरियाणा को किए जाने का भी विवाद चल रहा है। मामला अभी अदालत में विचाराधीन है।
Bureau Report
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