क्या अब संसद परिसर में धरना और प्रदर्शन पर भी रोक लगा दी गई है। कांग्रेस ने एक संसद सचिवालय के एक बुलेटिन को साझा करते हुए यह दावा किया है। इस आदेश से विपक्ष खफा हो गया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने उस आदेश को साझा कर केंद्र सरकार पर तंज किया है।
संसद के जल्द शुरू होने वाले मानसून सत्र से पहले यह दूसरा विवाद है। इससे पहले लोकसभा सचिवालय की तरफ से जारी एक लिस्ट पर विवाद थमा नहीं है। इसमें कई शब्दों को असंसदीय बताकर पाबंदी लगाई गई है। इनका दोनों सदनों में उपयोग नहीं किया जा सकेगा।
संसदीय बुलेटिन में कहा गया है कि संसद भवन परिसर में कोई सदस्य धरना, हड़ताल, भूख हड़ताल या कोई धार्मिक कार्यक्रम आयोजित नहीं कर सकेगा। राज्यसभा सदस्य जयराम रमेश ने इस आदेश की प्रतिलिपि के साथ ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा ‘विश्वगुरु का नया काम- D(h)arna मना है।
यह दुर्भाग्यपूर्ण : मनीष तिवारी
जयराम रमेश के अलावा कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी इस पर ट्वीट किया। तिवारी ने लिखा कि पीठासीन अधिकारी सदस्यों के साथ टकराव का मंच तैयार क्यों कर रहे हैं? पहले असंसदीय शब्दों पर टकराव और अब ये। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
स्पीकर ने कहा कोई पाबंदी नहीं : पवार
उधर, राकांपा प्रमुख शरद पवार नागपुर ने कहा है कि हमें स्पीकर की ओर से एक बयान प्राप्त हुआ है। उसमें कहा गया है कि ऐसी कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है। कल दिल्ली में सभी राजनीतिक दलों के नेता एक साथ बैठकर चर्चा करेंगे।
अब बताना पड़ेगा देश क्या है : संजय राउत
शिवसेना सांसद संजय राउत ने असंसदीय शब्दों की नई सूची को लेकर कहा, ‘इस देश में अगर कोई बोलता है कि कोई शब्द असंसदीय है, ये मैं मानने को तैयार नहीं। ये देश सभ्य है। इस देश की सबसे बड़ी ताकत विनम्रता है। अगर ये कोई मानने को तैयार नहीं तो उन्हें अब बताना पड़ेगा ये देश क्या है, इसका इतिहास क्या है।’
यह सदन पीएम का खुद का आवास नहीं है : अधीर रंजन चौधरी
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘संसद भारत की सबसे बड़ी पंचायत है। हम अगर गांधी जी, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के पैरों में बैठकर, अहिंसा अपनाते हुए अगर कोई बात रखने की कोशिश करें तो क्या यह गलत है? यह सदन प्रधानमंत्री का खुद का आवास स्थल नहीं है।’
Bureau Report
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