केवी विश्वनाथन ने सुप्रीम कोर्ट जज के तौर पर शपथ ले ली है। इससे पहले केंद्र सरकार ने केवी विश्वनाथन को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश को मंजूर की थी। बता दें कि केवी विश्वनाथन वरिष्ठता के आधार पर साल 2030 में देश के मुख्य न्यायाधीश बन सकते हैं। वरिष्ठता क्रम के अनुसार, मौजूदा मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के बाद जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्या कांत, जस्टिस बीवी नागरत्ना, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पार्दीवाला के बाद केवी विश्वनाथन देश के मुख्य न्यायाधीश बन सकते हैं।
जानिए कौन हैं केवी विश्वनाथन
26 मई 1966 को तमिलनाडु में जन्मे केवी विश्वनाथन 24 मई 2031 तक सुप्रीम कोर्ट में अपनी सेवाएं देंगे। जस्टिस जमशेद बुरजोर पार्दीवाला के 11 अगस्त 2030 में रिटायर होने के बाद केवी विश्वनाथन देश के मुख्य न्यायाधीश बन सकते हैं। कॉलेजियम की सिफारिश में कहा गया कि केवी विश्वनाथन बार एसोसिएशन के सम्मानित सदस्य हैं और सुप्रीम कोर्ट का जज बनाए जाने के लिए सही व्यक्ति हैं। उनकी नियुक्ति से सुप्रीम कोर्ट में बार का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम का ये भी कहना है कि केवी विश्वनाथन को वकालत का लंबा अनुभव है और वह विभिन्न विषयों जैसे संवैधानिक कानून, क्रिमिनल लॉ, कमर्शियल लॉ, दिवालिया कानून और मध्यस्थता आदि की जानकारी रखते हैं।
सुप्रीम कोर्ट जज बनने वाले 10वें वकील
केवी विश्वनाथन वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट बेंच में जज बनने वाले 10वें वकील हैं। उनसे पहले जस्टिस एसएम सीकरी, एससी रॉय, कुलदीप सिंह, संतोष हेगड़े, रोहिंटन फाली नरीमन, यूयू ललित, एल नागेश्वर राव, इंदु मल्होत्रा और पीएस नरसिम्हा वकील से सुप्रीम कोर्ट जज बने थे। इन नौ जजों में से तीन जज देश के मुख्य न्यायाधीश बने थे।
उल्लेखनीय है कि मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस केएम जोसेफ, जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस संजीव खन्ना की सदस्यता वाले कॉलेजियम ने मंगलवार को केवी विश्वनाथन और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा के नाम की सिफारिश सरकार को भेजी थी, जिसे सरकार ने गुरुवार को मंजूर कर लिया। हाल ही में दो जजों के रिटायरमेंट के बाद सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या घटकर 32 रह गई थी, जो कि 34 तक होनी चाहिए। यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने प्रशांत कुमार मिश्रा और केवी विश्वनाथन के नाम की सिफारिश केंद्र सरकार को भेजी थी, जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया है। हालांकि जल्द ही चार और जज रिटायर होने वाले हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट में फिर से जजों की नियुक्ति होगी।
Bureau Report
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