औरैया में हत्या का मुकदमा न लिखने से गुस्‍साई भीड़ ने क‍िया पथराव, लाठी चार्ज पर हालात बेकाबू

औरैया में हत्या का मुकदमा न लिखने से गुस्‍साई भीड़ ने क‍िया पथराव, लाठी चार्ज पर हालात बेकाबू

औरैया: सोमवार को एनटीपीसी चौकी क्षेत्र अंतर्गत झाबर पुरवा गांव में 35 वर्षीय युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दम घुटने से मौत की पुष्टि होने के बावजूद हत्या का मुकदमा न दर्ज किए जाने से खफा स्वजन ने ग्रामीणों को साथ लेकर बुधवार की सुबह 11 बजे के बाद हंगामा कर दिया।

फफूंद-दिबियापुर रोड पर डेढ़ सौ से ज्यादा लोग एकत्र हो गए। यह बात कहते हुए हल्ला करने लगे कि हत्यारोपित ने घर आकर धमकाया है। लोगों के गुस्से का पता लगने पर पहुंची पुलिस ने समझाने का प्रयास किया लेकिन बात नहीं बनी। इस बीच भीड़ में शामिल महिलाओं में एक महिला पर पुलिस ने डंडा चला दिया।

इसके बाद हालात बेकाबू हो गए। नजदीक में ही निर्माणाधीन मकान के बाहर पड़ी ईंट व गिट्टी को उठाकर लोगों ने उसे पुलिसकर्मियों पर चलाना शुरू कर दिया। बिगड़ चुके हालत की जानकारी पर डीएम व एसपी पहुंच गए। कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है। ईंट लगने की वजह से दिबियापुर थाना प्रभारी निरीक्षक राकेश कुमार शर्मा सहित तीन पुलिस कर्मी को चोटें आईं। 

अनिल कुमार उर्फ बबलू पुत्र स्वर्गीय अशोक कुमार के परिवार में 12 जून को गोद भराई का कार्यक्रम था। अनिल पड़ोस में ही रहने वाले कुछ मित्रों के साथ कहीं चला गया। लौटने में देरी होने पर छोटा भाई अमित व सुमित ढूंढने के लिए निकले। गांव से चंद कदम की दूरी पर रोड किनारे बेहोशी की हालत में उसे देखा गया।

कुछ लोग उसके चेहरे पर पानी डाल रहे थे। यह सब देख अनिल को कस्बा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर भर्ती कराया गया है। जहां देखते ही चिकित्सकों ने मृत बता दिया। बड़े भाई की मौत पर छोटे भाइयों ने आरोप लगाया कि हत्या कर शव फेंका गया है। इस बात को उस समय पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया। यह कहकर मामला टरका दिया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद कुछ होगा।

रिपोर्ट में दम घुटने से मौत की पुष्टि हुई। बुधवार की सुबह पुलिस अनिल के भाइयों को हिरासत में लेने के प्रयास में रही। इसी बीच यह सब हो गया। दिवंगत के भाइयों का कहना रहा कि पड़ोस में रहने वाले संतोष पर उन्हें संदेह है। उसने ही भाई की हत्या की है।

इन बातों को लेकर हो रहे हंगामे के चलते पुलिस को कहीं न कहीं बैकफुट पर आना पड़ा। दोपहर 12 बजे तक हंगामा शांत हो सका। शांति व कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कई थानों का फोर्स सजग रहा। डीएम नेहा प्रकाश और एसपी चारू निगम प्रशासनिक अमले के साथ दिबियापुर थाने पहुंचीं।

Bureau Report

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*