शिमला: हिमाचल प्रदेश में बारिश कहर बरपा रही है। प्रदेश में बीते 3 दिनों से लगातार बारिश जारी है। बारिश ने सबसे ज्यादा नुकसान मंडी जिले में पहुंचाया है। प्रदेश की सैकड़ों सड़कें बारिश और भूस्खलन के चलते प्रभावित हुई हैं।
बारिश के बाद हुए नुकसान की भयावह तस्वीरें और वीडियो सामने आई हैं। कहीं ताश के पत्तों की तरह मकान ढह गए तो कहीं लंबे-लंबे पुल नदियों में बह गए। ऐसी भी तस्वीरें सामने आईं, जिसमें कारें पानी में बहती हुईं नजर आईं। नदी-नालों के साथ लगते गांव-कस्बे बाढ़ से काफी ज्यादा प्रभावित हुए हैं। यहां से लगातार लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा है।
रविवार देर रात मंडी के नगवाई इलाके में ब्यास नदी में अचानक बाढ़ गई और 6 लोग फंस गए। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, होमगार्ड और पुलिस ने 3 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और सभी लोगों को सुरक्षित निकाला गया। एनडीआरएफ की टीम न रैपलिंग तकनीक के जरिए 6 लोगों का रेस्क्यू किया।
हिमाचल में आफत की बारिश और भूस्खलन के कारण छह लोगों की मौत हुई है। कुमारसैन में भूस्खलन के कारण दंपत्ती और एक बच्चे की मौत हो गई। न्यू शिमला में मकान पर पेड़ के गिरने के कारण उसके मलबे में 70 वर्षीय महिला की दबकर मौत हो गई। जबकि 22 वर्षीय युवती मलबे में दबने से घायल हो गई।
कुल्लू में एक महिला व चंबा में एक व्यक्ति की मौत हुई है। भूस्खलन के कारण 11 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। जबकि 736 सड़कें बंद हैं। प्रदेश में 24 मकानों व स्कूलों को नुकसान होने की सूचना है।
मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए ताजा पूर्वानुमान के अनुसार, प्रदेश के चार जिलों लाहौल-स्पीति, किन्नौर, हमीरपुर व ऊना को छोड़ बाकी जिलों में भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया गया है। ऐसे में एडवाइजरी जारी की गई है। एवलांच के साथ भूस्खलन की संभावनाएं जताई गई हैं। आगामी दो दिनों के लिए भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया गया है। ताजा वर्षा के बाद से ठंड भी बढ़ गई है।
मनाली में 1971 का रिकॉर्ड टूटा
मनाली में 1971 में जुलाई माह में सबसे अधिक वर्षा का रिकॉर्ड टूट गया है। बीते 24 घंटों के दौरान मनाली में 131.3 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। जबकि इससे पूर्व 9 जुलाई 1971 को 105 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई थी। सोलन में 2015 में 105 मिलीमीटर के बाद जुलाई माह में अब 107 मिलीमीटर सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई है।
Bureau Report
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