जयपुर: राजस्थान का कोटा शहर एक काले शहर में बदलता जा रहा है। यहां छात्रों के मौत के सिलसिले थमने का नाम ही नहीं ले रही है। रविवार को नीट की परीक्षा की तैयारी कर रहे 2 छात्रों ने खुदकुशी कर ली।
इन छात्रों की मौत से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है। घटना की गंभीरता को देखते हुए जिला कलेक्टर ने आदेश जारी किया है, जिसके मुताबिक कोटा की कोई भी कोचिंग सेंटर आने वाले दो महीनों तक परीक्षाएं आयोजित नहीं करेगी। ये फैसला छात्रों को मानसिक सहायता और सुरक्षा प्रदान करने के मद्देनजर लिया गया है।
इस साल कोटा में हुई 23 छात्रों की मौत
जानकारी के अनुसार, रविवार को 2 छात्रों की मौत के बाद इस साल कोटा में आत्महत्या करने वाले छात्रों की संख्या 23 हो गई है। पिछले साल इसकी संख्या 15 थी। अगस्त महीने में ही कोटा के 7 छात्र-छात्राओं ने आत्महत्या की है। कोटा में लगातार बढ़ते छात्रों की आत्महत्या के मामलों को देखते हुए प्रशासन ने हॉस्टल में कई बदलाव किए हैं। कमरों में स्प्रिंग-लोडेड पंखों के बाद अब छात्रावासों की बालकनियों और लॉबी में जाल लगाए जा रहे हैं।
क्या कहते है हॉस्टल के मालिक?
हॉस्टल मालिकों का कहना है कि यह काफी दुखद घटनाएं है और इससे बचने के लिए ऐसे कदम उठाना बेहद महत्वपूर्ण हैं। आपको बता दें कि JEE और NIT जैसी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सालाना दो लाख से अधिक छात्र कोटा जाते हैं। बच्चे कोई बड़ा कदम न उठाए इसको देखते हुए हॉस्टल के सभी लॉबी और बालकनियों में बड़े जाल लगाए गए हैं। ये जाल 150 किलोग्राम तक वजन झेल सकते हैं और यह भी सुनिश्चित करते हैं कि छात्र घायल न हों।
Bureau Report
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