कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की गई टिप्पणी के मामले में खेड़ा के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी और आपराधिक कार्यवाही रद्द करने से इनकार कर दिया है। बता दें, अदालत गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुनवाई कर रही थी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को मुकदमे का सामना करना पड़ेगा।
न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि वह उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने की इच्छुक नहीं है। पीठ ने कहा, ‘माफ कीजिए, हमारा कोई इरादा नहीं है।’
इससे पहले, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आपराधिक मामला रद्द करने की खेड़ा की याचिका खारिज कर दी थी। जस्टिस बीआर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने खेड़ा की याचिका पर सुनवाई की। पहले यह सुनवाई 13 अक्तूबर को होनी थी। दरअसल, पवन खेड़ा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पवन खेड़ा के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने से इनकार कर दिया था। पीएम मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में पवन खेड़ा के खिलाफ हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। मुंबई में 17 फरवरी 2023 को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पवन खेड़ा ने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
असम और यूपी में प्राथमिकी
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा के मामले में इसी साल 20 मार्च को, शीर्ष अदालत ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में तीन प्राथमिकताओं को एक साथ जोड़ दिया था। असम और उत्तर प्रदेश में खेड़ा के खिलाफ दर्ज तीन एफआईआर को जोड़ने के अलावा अदालत ने अंतरिम जमानत की अवधि भी बढ़ा दी थी। अदालत के निर्देश पर मामले को लखनऊ के हजरतगंज पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित कर दिया गया था।
एयरपोर्ट से गिरफ्तारी, अंतरिम जमानत पर बाहर हैं खेड़ा
खेड़ा को लखनऊ कोर्ट से जमानत भी मिली थी। कथित टिप्पणी के लिए खेड़ा ने अदालत में बिना शर्त माफी मांगी है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा को 23 फरवरी को दिल्ली हवाई अड्डे से गिरफ्तार कर लिया गया था। उन्हें रायपुर जाने वाले विमान से उतार दिया गया था। नाटकीय घटनाक्रम के बीच खेड़ा को उसी दिन शीर्ष अदालत ने अंतरिम जमानत भी मिल गई थी, जिसे समय-समय पर बढ़ाया जाता रहा है।
Bureau Report
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