शरद पवार गुट के एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने एक बार ऐसा बयान दिया है, जिस पर विवाद हो सकता है। दरअसल इस बार उन्होंने न्यायपालिका पर सवाल उठाया है। जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर को न्यायपालिका में भी आरक्षण का प्रावधान करना चाहिए था। साथ ही उन्होंने न्यायपालिका के कुछ फैसलों पर जातिवादी होने का भा आरोप लगाया।
क्या बोले जितेंद्र आव्हाड
एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि ‘मुझे आज दुख होता है बाबा साहेब अंबेडकर को न्यायपालिका में भी आरक्षण रखना चाहिए था। मैं इस पर नहीं बोलूंगा क्योंकि इससे विवाद हो सकता है। लेकिन कुछ फैसलों से हमें जातिवाद की बू आ रही है। न्यायपालिका से इसकी उम्मीद नहीं की जाती। उसे निष्पक्ष होना चाहिए और जातिवाद से बाहर रहना चाहिए। संविधान में ऐसी ही उम्मीद की गई थी, लेकिन क्या ऐसा हो रहा है।
‘महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर के फैसले पर कही ये बात
आव्हाड ने नागपुर के एक कार्यक्रम में आरोप लगाया कि महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने विधायकों की अयोग्यता को लेकर जो फैसला दिया, उसे दिल्ली में टाइप किया गया था। आव्हाड ने ये भी आरोप लगाया कि भाजपा भगवान राम के नाम का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए कर रही है। गौरतलब है कि इससे पहले भी जितेंद्र आव्हाड के एक बयान पर भारी विवाद हुआ था। आव्हाड ने भगवान राम को मांसाहारी बता दिया था, जिस पर लोगों ने आव्हाड की तीखी आलोचना की थी। विवाद बढ़ने पर आव्हाड ने अपने बयान को लेकर माफी भी मांगी थी।
जितेंद्र आव्हाड अक्सर अपने बयानों से भाजपा पर हमला बोलते रहते हैं। बीते दिनों उन्होंने ये भी दावा किया था कि भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव में अपने सहयोगियों एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी को भी छोड़ने की योजना बना रही है। आव्हाड ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा था कि ‘भाजपा और आरएसएस के बीच ऐसी राजनीतिक चर्चाएं हैं कि भाजपा को महाराष्ट्र में अकेले चुनाव लड़ना चाहिए और जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं, उनके साथ चुनाव में नहीं उतरना चाहिए।’
Bureau Report
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