Bihar News: राजभवन में सीएम नीतीश कुमार और गवर्नर के बीच 40 मिनट में क्या हुई बात; मुस्कराते निकले मुख्यमंत्री

Bihar News: राजभवन में सीएम नीतीश कुमार और गवर्नर के बीच 40 मिनट में क्या हुई बात; मुस्कराते निकले मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मंगलवार सुबह राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर से भेंट हुई थी, लेकिन फिर कुछ ही समय बाद वह राजभवन पहुंच गए। मुख्यमंत्री के राजभवन जाने पर हर बार की तरह इस बार भी तेजी से चर्चा गरम हो गई। सुबह जब राज्यपाल से मिले थे तो राष्ट्रीय जनता दल के नेता और राज्य के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव साथ थे। राजभवन में वह उनके साथ नहीं गए। इस कारण चर्चा और तेज हो गई। वैसे, दो दिन पहले राजद कोटे के तीन मंत्रियों के विभागों में बदलाव और अफसरों के एकमुश्त तबादला आदेश को देखते हुए यह मुलाकात सामान्य ही लग रही है। 40 मिनट तक दोनों की बातचीत हुई और फिर नीतीश निकले तो बिना कुछ बोले मुस्कराते हुए सीएम आवास लौट गए। 

नीतीश के मुस्कराने का मतलब क्या?
मुख्यमंत्री ने राजभवन से निकलने के बाद मीडिया से बात नहीं की। राजभवन से कुछ ही दूरी पर मुख्यमंत्री आवास भी है। इस बीच मीडिया का दोनों दरवाजों पर जुटान था, लेकिन सभी ने सीएम का सिर्फ मुस्कराता चेहरा नोटिस किया। इस बीच सरकार में उथलपुथल की अफवाह भी कुछ मीडिया (‘अमर उजाला’ नहीं) पर नजर आयी, लेकिन फिर मुस्कराहट को देखते हुए ही उसे बदला भी गया। मुख्यमंत्री की मुस्कराहट संभवत: ऐसी अफवाहों के कारण ही रही होगी, क्योंकि पिछले दिनों उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल कोटे के तीन मंत्रियों के विभागों में फेरबदल के साथ साफ जता दिया था कि वह अंतिम और सर्वमान्य हैं। सबकुछ उनके हिसाब से ही चल रहा है। कोई उथलपुथल नहीं, यह दिखाने के लिए वह फैसला आया था।

तीन मुद्दे अहम, जानें क्या हुई होंगी बातें
बजट सत्र का समय आ गया है। अगले महीने बिहार विधानमंडल का बजट सत्र होगा। इसके लिए राज्यपाल को न्यौता देना एक जरूरी औपचारिकता है। इसके अलावा, विपक्षी दलों के गठबंधन का विश्वास बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री को कांग्रेस की बहुप्रतीक्षित मांग को भी पूरा करना है। अगर कांग्रेस के नंबर वन नेता राहुल गांधी को आश्वासन देने के बावजूद कांग्रेस को बिहार में दो और मंत्रीपद नहीं मिलता है तो लोकसभा सीटों के बंटवारे के दौरान सबकुछ सहजता से होना मुश्किल है। संख्याबल के हिसाब से कांग्रेस के दो और मंत्री बन सकते हैं। इसके अलावा, राजद के भी दो मंत्री हटे थे। उनकी भी जगह पर नए मंत्रियों का शपथ नहीं हुआ है। दूसरी ओर हिन्दुस्तानी आवामी मोर्चा के संतोष सुमन के पद छोड़ने के तत्काल बाद जदयू कोटे से रत्नेश सदा को मंत्रीपद की शपथ दिला दी गई थी। इन दो बातों के अलावा, कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर भी दोनों के बीच बातचीत की संभावना बताई जा रही है।

Bureau Report

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