रात में दिन जैसी गर्मी, बिजली कटौती और ज्यादातर लोगों के पास एसी, कूलर नहीं होने से रात को लोगों की नींद पूरी नहीं हो पा रही। लाखों में गरीब तबके की आबादी, जो हर दिन कमाती है और परिवार का गुजारा इसी से होता है, इनके लिए प्रचंड गर्मी झेलना मुश्किल है। यह लोग कूलर और एसी खरीदने में सक्षम नहीं हैं। ऐसे में नींद नहीं पूरी होने से इन कामकाजी लोगों के काम प्रभावित हो रहे हैं, इसलिए ज्यादातर लोगों पर चिड़चिड़ापन हावी हो रहा है।
राजधानी दिल्ली समेत समूचे उत्तर भारत में बीते 40 दिन से पारा 40 डिग्री के पार जा रहा है। दिन तो दिन, रात को भी दिन के जितनी ही गर्मी पड़ रही है। अमूमन रात को जब मौसम ठंडा होता है, लेकिन इस समय रात 3 बजे से सुबह 7 बजे के बीच 33 डिग्री तक तापमान रह रहा है। घनी आबादी वाले अधिकतर क्षेत्रों में 25-50 वर्ग गज के घर गर्म भट्ठी बने हुए हैं, जहां लोग देर रात जाग रहे हैं।
नींद पूरी नहीं होने से भारी रहता है सिर
पूर्वी दिल्ली में गणेश नगर के वैभव ने बताया कि रात को पंखे की गर्म हवा से नींद नहीं आती। बिस्तर की बजाय फर्श पर सोने की कोशिश करते हैं, लेकिन फर्श भी गर्म होता है। घर में कूलर तो है, लेकिन ये भी ठंडी हवा नहीं देता। नींद नहीं पूरी होने से सिर भारी रहता है। यमुना विहार के सुजीत ने बताया कि मंगलवार को कॉलोनी में पूरी रात बिजली गुल थी। छत और सड़क पर रात बिताई। अगली सुबह काम पर जाना था, लेकिन रात को नींद नहीं पूरी हुई तो कुछ अच्छा नहीं लगा।
पानी की टंकियां गीजर बन गईं
इन दिनों छत पर रखीं पानी की टंकियां गीजर बन गई हैं। चौबीस घंटे इसमें से उबला पानी आता है। घर के भीतर रखा पानी भी गर्म हो जाता है। गोल मार्केट में काम करने वाली सरिता ने बताया कि सुबह शाम पानी नहीं आ रहा। टैंकर से पानी आता है, तो बच्चे मशक्कत से पानी भर के रखते हैं।
गर्म भट्ठी बने रैन बसेरे
गर्मी में टिन शेड से बनाए गए रैन बसेरे गर्म भट्ठी बने हुए हैं, ऐसे में इनमें कोई कैसे रह सकता है, लेकिन जिनके सिर पर छत न हो, ऐसे मजबूर लोग कहीं भी रह सकते हैं। ऐसा ही नजारा बुधवार को निगम बोध घाट के पास बने रैन बसेरे में देखने को मिला, जहां चार लोग गर्म हवा फेंक रहे पंखे के नीचे बैठे मिले।
बातचीत के दौरान इन्होंने बताया कि यहां 19 लोगों के रहने की जगह है, लेकिन भीतर अत्यधिक गर्मी होने के कारण बाकी लोग दोपहर में यहां से चले जाते हैं। रैन बसेरे में लगे दो पंखे खराब पड़े हैं। जो पंखे चलते हैं, उनसे गर्म हवा आती है, जबकि टीन की छत के नीचे गर्मी को सोखने वाली शीट भी पसीना नहीं रोक पाती है। रैन बसेरे के केयर टेकर सनी ने बताया कि लोगों को ठंडा पानी पीने के लिए यहां वाटर डिस्पेंसर लगा है। मनोरंजन व समाचार देखने के लिए एलईडी टीवी लगा है। जरूरतमंदों के लिए दवाएं भी हैं लेकिन गर्मी में ये इंतजाम पर्याप्त नहीं।
Bureau Report
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