भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट को बढ़े हुए वजन कारण फाइनल से बाहर होना पड़ा। बुधवार को उन्हें महिलाओं की 50 किग्रा कुश्ती स्पर्धा के पदक मुकाबले से पहले अयोग्य घोषित कर दिया गया। उनका वजन कैटेगरी से 100 ग्राम अधिक पाया गया। इसके बाद निराशा से भरी हुई विनेश ने संन्यास का एलान कर दिया। हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब विनेश बढ़े हुए वजन के कारण बाहर हुई हैं।
फाइनल में पहुंचकर रचा था इतिहास
तीन राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली विनेश तीसरी बार ओलंपिक में भाग ले रहीं थीं। पहले दो मौकों पर उन्हें क्वार्टर फाइनल से ही बाहर होना पड़ा था। हालांकि, इस बार उन्होंने फाइनल के लिए क्वालिफाई किया था। वह फाइनल में पहुंचने वाली पहली महिला पहलवान थीं। इस बार उनका स्वर्ण जीतने का सपना पूरा हो सकता था, लेकिन उन्हें बढ़े हुए वजन के कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब उन्हें ज्यादा वजन के कारण बाहर होना पड़ा है। 2016 में भी वह इस तरह की घटना का शिकार हो चुकी हैं।
पहले भी बाहर हो चुकी हैं विनेश
आठ साल पहले वर्ल्ड ओलंपिक क्वालिफाइंग इवेंट के दौरान विनेश का वजन वर्ग से 400 ग्राम ज्यादा पाया गया था। इसके बाद उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था। वहीं, क्लालिफायर के दौरान उन्हें कड़ी परीक्षा से गुजरना पड़ा था। विनेश मामूली अंतर से कट में पहुंची थीं। ऐसे में यह साफ है कि पहलवान पहले भी इस तरह की समस्याओं का सामना कर चुकी हैं।
ओलंपिक कुश्ती के लिए वजन के नियम क्या हैं?
किसी भी पहलवान का भार तब तक नहीं मापा जाएगा, जब तक उसने पहली सुबह मेडिकल जांच नहीं कराई है। पहलवानों को मेडिकल जांच में उपस्थित होना होगा। उनके साथ उनका लाइसेंस और मान्यता प्रमाण पत्र भी होना चाहिए।
किसी कुश्ती संघ द्वारा जो नाम भेजे गए हैं, उनमें तभी परिवर्तन संभव है अगर किसी एथलीट को गंभीर चोट आ जाती है, लेकिन उसके लिए उस कुश्ती संघ को मेडिकल सर्टिफिकेट देना होता है। साथ ही यह संबंधित भारवर्ग के प्रतियोगिता के दिन कम से कम 12 घंटे पहले यह करना संभव है। इसके बाद कोई बदलाव नहीं हो सकता है।
इस समय के बाद कोई भी परिवर्तन स्वीकार नहीं किया जाएगा। सभी प्रतियोगिताओं के लिए, संबंधित भार-श्रेणी के लिए प्रत्येक सुबह भार मापा जाता है। वजन मापने का कार्यक्रम और मेडिकल चेकअप 30 मिनट तक रहता है। आमतौर पर कुश्ती के मुकाबले दो दिन में खत्म हो जाते हैं। ऐसे में अगले दिन सिर्फ वही पहलवान भार मपवाने आते हैं, जो या तो रेपेचेज में हैं या फिर फाइनल में पहुंच चुके हैं। अगले दिन भार मापने का कार्यक्रम करीब 15 मिनट तक चलता है।
Bureau Report
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