छात्र संगठन आज खोलेंगे बंगाल सरकार के खिलाफ मोर्चा, ममता के आवास की सुरक्षा बढ़ाई गई

छात्र संगठन आज खोलेंगे बंगाल सरकार के खिलाफ मोर्चा, ममता के आवास की सुरक्षा बढ़ाई गई

पड़ोसी देश बांग्लादेश में छात्रों के आंदोलन से सरकार का तख्तापलट होने के बाद अब पश्चिम बंगाल में भी छात्र गर्मा रहे हैं। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ दरिंदगी से दुष्कर्म और फिर उसकी निर्मम तरीके से हत्या करने के मामले में छात्रों ने आज ‘नबन्ना अभियान’ प्रदर्शन का एलान किया है। बता दें कि हाबड़ा में स्थित नबन्ना भवन राज्य सचिवालय है। इस प्रदर्शन को लेकर कोलकाता में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। चप्पे-चप्पे पर निगरानी की जा रही है। हाबडा ब्रिज को सील कर दिया गया है। ब्रिज पर लोहे की दीवार खड़ी की गई है और उसे मोबिल से चिकना कर दिया गया है ताकि कोई उसपर चढ़ न सके। 

चार हजार पुलिसकर्मी तैनात

सुरक्षा व्यवस्था में कोलकाता और बंगाल पुलिस के करीब 4,500 जवान लगाए गए हैं। आईजी और डीआईजी रैंक के 21 अधिकारी तैनात रहेंगे। 13 एसपी या डीसी रैंक के अधिकारी मौजूद रहेंगे। साथ ही एडीसीपी या एसपी रैंक के 15 अधिकारियों को भी नवान्न एवं आसपास के इलाकों में तैनात किया जाएगा। साथ ही 22 एसीपी या डिप्टी एसीपी रैंक के अधिकारियों और 26 इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों के साथ दो हजार से अधिक पुलिसकर्मी नवान्न और आसपास के इलाकों में कानून व्यवस्था की स्थिति संभालेंगे।

पूरे महानगर को छावनी में बदला

‘नबन्ना अभियान’ नाम से आयोजित इस प्रोटेस्ट मार्च में राज्य सचिवालय बिल्डिंग नबन्ना का घेराव किया जाएगा, जहां से पश्चिम बंगाल की सरकार चलाई जाती है। इसी भवन में पश्चिम बंगाल की सीएम और उनके शीर्ष मंत्री बैठते हैं। कोलकाता पुलिस ने इस मार्च के हिंसक होने की आशंका जताते हुए पूरे महानगर को छावनी में बदल दिया है। पूरे शहर में करीब पांच हजार पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। साथ ही अतिरिक्त सुरक्षा बलों को भी तैयार रहने के लिए कहा गया है। 

पुलिस ने किए सभी पुख्ता इंतजाम
प्रदर्शन से पहले पुलिस ने सतर्कता बरतते हुए  क्षेत्र में वज्र वाहनों, पानी की बौछारों और दंगा नियंत्रण बल को तैनात किया है। वहीं सड़कों को अवरुद्ध करने के लिए कंटेनर रखे गए हैं।

लोकतंत्र में मौन बहुमत हो सकता, खामोश नहीं: राज्यपाल
‘नबन्ना अभियान’ रैली पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल के छात्र समुदाय द्वारा घोषित शांतिपूर्ण विरोध और सरकार के कुछ निर्देशों द्वारा विरोध को दबाने की खबरों के संदर्भ में, मैं सरकार से भारत के सर्वोच्च न्यायालय के कड़े फैसले को याद रखने का आग्रह करूंगा। शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर पश्चिम बंगाल राज्य की शक्ति का दुरुपयोग न होने दें। लोकतंत्र में मौन बहुमत हो सकता है, खामोश बहुमत नहीं। इसे याद रखें।’

पड़ोसी देश बांग्लादेश में छात्रों के आंदोलन से सरकार का तख्तापलट होने के बाद अब पश्चिम बंगाल में भी छात्र गर्मा रहे हैं। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ दरिंदगी से दुष्कर्म और फिर उसकी निर्मम तरीके से हत्या करने के मामले में छात्रों ने आज ‘नबन्ना अभियान’ प्रदर्शन का एलान किया है। इस प्रदर्शन को लेकर कोलकाता में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है।

Bureau Report

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