हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी हलचल तेज हो गई हैं। राज्य की 90 विधानसभा सीटों के लिए 1 अक्तूबर को मतदान होना है। सत्ताधारी भाजपा में उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप देने के लिए पार्टी में बैठकों का दौर जारी है। उधर कांग्रेस भी उम्मीदवारों के चयन की कवायद में जुटी हुई है।
इनके अलावा राज्य में कई अन्य दल भी विधानसभा चुनाव में उतरने की तैयारी में जुटे हुए हैं। हाल में जननायक जनता पार्टी (जजपा) ने सांसद चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के साथ गठजोड़ का एलान किया। इससे पहले इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन की घोषणा की थी। ऐसे में इस विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के अलावा इन दलों पर भी नजरें होंगी।
पहले जानते हैं कि हरियाणा में चुनाव कार्यक्रम क्या है?
चुनाव आयोग ने 16 अगस्त को जम्मू कश्मीर के साथ हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान किया था। हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए एक चरण में मतदान होना है। मौजूदा कार्यक्रम के अनुसार, चुनाव के लिए अधिसूचना 5 सितंबर को जारी होगी। नामांकन की आखिरी तारीख 12 सितंबर होगी। वहीं, मतदान 1 अक्तूबर को होगा। नतीजे 4 अक्तूबर को घोषित किए जाएंगे। चुनाव प्रक्रिया के बीच कई राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग से मतदान की तारीख बदलने की भी मांग की है।
अब जानते हैं कि हरियाणा में भाजपा-कांग्रेस के अलावा कौन से अहम दल चुनाव मैदान में?
हरियाणा के दो सबसे बड़े दल भाजपा और कांग्रेस सभी 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे। बीते शुक्रवार को हरियाणा कांग्रेस के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राज्य में आम आदमी पार्टी (आप) के साथ गठबंधन के सभी दावों को खारिज कर दिया। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस अपने दम पर चुनाव लड़ने में सक्षम है। आप के साथ गठबंधन के बारे में हुड्डा ने कहा, ‘हमारा समाजवादी पार्टी के साथ भी गठबंधन है, लेकिन यह केंद्रीय स्तर का गठबंधन है, राज्य आधारित नहीं है। हरियाणा में हमारा कोई गठबंधन नहीं है। राष्ट्रीय स्तर पर हमारा सभी दलों के साथ गठबंधन है, लेकिन राज्य स्तर पर ऐसी कोई चर्चा नहीं है।’
जजपा और आसपा का गठजोड़
जननायक जनता पार्टी और आजाद समाज पार्टी मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ेंगी। पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन का एलान किया है। 70 सीटों पर जजपा और 20 सीटों पर आसपा उम्मीदवार उतारेगी।
पिछले चुनाव में जजपा का प्रदर्शन को देखें तो जजपा ने 10 सीटें हासिल की थी और इतनी ही सीटों पर पर दूसरे नंबर पर थी। पिछले चुनाव में जजपा को 14.9% वोट मिले थे जो 2018 में बनी पार्टी का पहला ही विधानसभा चुनाव था।
दूसरी ओर 2020 में बनी आजाद समाज पार्टी के लिए हरियाणा में पहला विधानसभा चुनाव होगा। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में जीत के बाद चंद्रशेखर आजाद पार्टी के पहले सांसद बने हैं। चंद्रशेखर उत्तर प्रदेश की नगीना लोकसभा सीट से जीतकर संसद पहुंचे हैं।
इनेलो और बसपा के बीच गठबंधन
पिछले महीने इनेलो और बसपा के बीच विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर गठबंधन हुआ था। इसके मुताबिक 53 सीटों पर इनेलो और 37 सीटों पर बसपा अपने उम्मीदवार उतारेगी। इसी के तहत बसपा ने मंगलवार को अपने चार उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। उधर, इनेलो भी अपने उम्मीदवार घोषित करने की तैयारी में है।
2019 में 87 सीटों पर उतरी बसपा खाता भी नहीं खोल पाई थी। पार्टी ने इस चुनाव में 4.2% वोट हासिल किए थे। इससे पहले 2014 में पार्टी का एक सदस्य विधानसभा पहुंचा था और पार्टी 4.4% वोट हासिल किए थे। 2009 के चुनाव में बसपा को एक सीट मिली थी जबकि इसका मत प्रतिशत 6.7% था।
उधर पिछले विधानसभा चुनाव में इनेलो एक सीट जीतने में सफल रही और एक पर दूसरे स्थान पर रही। इंडियन नेशनल लोकदल के अभय चौटाला पार्टी के एकलौते विधायक हैं। पार्टी ने पिछले चुनाव में महज 2.5% वोट हासिल किए थे। इससे पहले 2014 में पार्टी के 19 सदस्य विधानसभा पहुंचे थे और इनेलो ने 24.2% वोट हासिल किए थे। 2009 के चुनाव में इनेलो को 31 सीटें मिली थीं जबकि इसका मत प्रतिशत 25.8% था।
आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन
अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप भी हरियाणा में चुनाव लड़ रही है। प्रदेश अध्यक्ष सुशील गुप्ता का कहना है कि आम आदमी पार्टी सभी 90 सीटों पर मजबूत उम्मीदवार के साथ उतरेगी और चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करेगी। पार्टी ने पिछले चुनाव में महज 0.5% वोट हासिल किए थे जो पार्टी का राज्य में पहला विधानसभा चुनाव था। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी कुरुक्षेत्र में चुनाव लड़ी थी लेकिन उसे हार का सामना करना पड़ा।
Bureau Report
Leave a Reply