सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पंजाब सरकार को निर्देश दिया है कि वे अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को खनौरी बॉर्डर पर ही एक अस्थायी अस्पताल बनाकर उसमें स्थानांतरित करें, ताकि उनकी सेहत पर चौबीस घंटे नजर रखी जा सके। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने पंजाब सरकार के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह से कहा कि वे डल्लेवाल को पंजाब और हरियाणा के बीच स्थित खनौरी बॉर्डर पर विरोध स्थल के पास बने अस्थायी अस्पताल में स्थानांतरित करने के संबंध में आज ही एक अंडरटेकिंग दाखिल करें।
आज दोपहर ढाई बजे फिर सुनवाई करेगी अदालत
पीठ आज दोपहर करीब ढाई बजे फिर से मामले पर सुनवाई करेगी। पंजाब सरकार के वकील ने पीठ को बताया कि गुरुवार को किसान नेता ने सहयोग किया है और उनके ईसीजी और ब्लड टेस्ट समेत कई टेस्ट करवाए गए। उन्होंने कहा कि डल्लेवाल की स्वास्थ्य स्थिति फिलहाल स्थिर लग रही है। गुरुवार को पीठ ने नागरिक अधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला द्वारा चिकित्सा देखरेख में एक दशक से अधिक समय से अपना विरोध जारी रखने का उल्लेख करते हुए पंजाब सरकार से डल्लेवाल को स्वास्थ्य जांच कराने के लिए मनाने को कहा।
26 नवंबर से अनिश्चितकालीन धरना दे रहे किसान
इससे पहले पीठ ने अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे डल्लेवाल का मेडिकल परीक्षण न कराने के लिए पंजाब सरकार की खिंचाई की थी। डल्लेवाल 26 नवंबर से खनौरी बॉर्डर पर अनिश्चितकालीन अनशन कर रहे हैं, ताकि केंद्र पर आंदोलनकारी किसानों की मांगों को स्वीकार करने का दबाव बनाया जा सके। किसानों की मांगों में फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी शामिल है। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। किसान दिल्ली जाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन सुरक्षा बलों ने उनके दिल्ली जाने से रोक दिया था, जिसके बाद वे बॉर्डर पर ही धरने पर बैठ गए थे।
Bureau Report
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