जब सुधर जाएगा नेता हमारा
तो आसमान को छूएगा तिरंगा हमारा ।
जब नेता छोड़ेंगेखाना कोयला और चारा
तो फ़लक पर उड़ेगा तिरंगा प्यारा हमारा ।
हर मजहब, धर्मो की पहचान इसमे
बाईबल, गीता और कुरान इसमे ।
जब हर रंग होगा एक दूसरेका सहारा
तो फ़लक पर उड़ेगा तिरंगा प्यारा हमारा ।
दुनिया मेंफिर ऊंची होगी शान इसकी
जब हर दिल की तान हो इसकी ।
जब हर हिंदुस्तानी को होगा जान सेप्यारा
तो फ़लक पर उड़ेगा तिरंगा प्यारा ।
जब तिरंगेको ही सर अपना झुकाएँगेसारे
जब मजहबोंकी खारोंको मिटाएँगेसारे ।
जब हर तरफ लगेगा इसी का ही नारा
तो फ़लक पर उड़ेगा तिरंगा प्यारा हमारा ।
जब सुधर जाएगा नेता हमारा
तो आसमान को छूएगा तिरंगा प्यारा ।।
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