नईदिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मोदी सरकार के 500 और 1000 के नोटों के प्रचलन को बंद करने के निर्णय को साहसिक बताते हुए कहा कि भारत के पास नोटबंदी जैसे निर्णय लेने और उसे लागू करने में क्षमता है तथा जल्द पुनर्मुद्रीकरण हो जाएगा।
जेटली ने उद्योग संगठन भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) की 89वीं वार्षिक आम बैठक की शनिवार को यहां औपचारिक शुरुआत करते हुए कहा कि नोटबंदी से दीर्घकालिक लाभ होंगे और पुनर्मुद्रीकरण की प्रक्रिया जल्द ही पूरी हो जाएगी क्योंकि रिजर्व बैंक प्रचलित नोटों की जोर शोर से आपूर्ति कर रहा है।
उन्होंने कहा कि यदि इस फैसले से कुछ दिनों के लिए परेशानियां हो भी रही हों तो भी यह साफ है कि भविष्य में इससे लाभ होगा। उन्होंने कहा कि इस तरह के निर्णय लेने के लिए स्पष्टता, साहस, मजबूत कंधे और ताकत की जरूरत होती है। सरकार ने बड़े मूल्य के नोटों का प्रचलन बंद कर साहसिक कदम उठाया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि नोटबंदी के फैसले के कई तरह से असर होंगे जिससे एक नया भारत बनेगा। 70 वर्षाें में जो स्थिति बनी थी उसे आगे सहन नहीं किया जा सकता था क्योंकि यह जिदंगी जीने का तरीका बन गया था। इससे न सिर्फ सकल घरेलू उत्पाद की तुलना में अधिक कैश हो गया था बल्कि इसका सामाजिक आर्थिक दुष्प्रभाव पड़ रहा था। क्योंकि ये बैंकिंग तंत्र में नहीं आ रहे थे और कर से बच रहे थे साथ ही कैश का उपयोग अपराध में हो रहा था।
जेटली ने डिजिटल अर्थव्यवस्था का उल्लेख करते हुए कहा कि सिर्फ संसद विशेषकर सांसदों का एक समूह, जो वर्तमान में हो रहा है, उससे अनभिज्ञ बने रहना चाहता है। वर्ष 2000 में लोग इस पर हंसते थे कि हर गरीब के हाथ में भी मोबाइल फोन होगा। वहीं, बात अभी कही जा रही है।
उन्होंने कहा कि देश में अभी 75 करोड़ से अधिक क्रेडिट और डेबिट कार्ड के साथ ही ई-वॉलेट आ रहे है और डिजिटल भुगतान में 100 से एक हजार फीसदी तक की बढोत्तरी हुई है। सरकार ने आठ नवंबर की मध्यरात्रि से 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों के प्रचलन को बंद कर दिया था जो वर्तमान में प्रचिलत मुद्राओं का 86 प्रतिशत था। अब तक करीब 90 फीसदी पुराने नोट बैंकों में जमा हो चुके हैं। 30 दिसंबर तक लोगों को पुराने नोट बैंक खाते में जमा कराने की छूट दी गई है।
Bureau Report
Leave a Reply