मीरपुर/पाकिस्तान: पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिन्दुओं तथा इसाई अल्पसंख्यकों पर ज्यादती जारी है। वहां हिन्दू और ईसाई परिवार की लड़कियों को जबरन उठाकर ले जाते हैं और उनका जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करवा दिया जाता है।
दक्षिण पाकिस्तान के प्यारो लुंध इलाके में जीवती नाम की लड़की का तब अपहरण हो गया था जब वह 14 साल की थी। वह अपने घर वालों के साथ बाहर सो रही थी तब रात को कुछ लोगों ने उसका अपहरण कर लिया। लेकिन बात में पता चला कि जिस साहूकार से घर वालों ने कभी कर्ज लिया था उसी ने उनकी बेटी को अगवा कर उससे जबरन निकाह कर लिया था।
अमेरी बताती हैं उनके पति ने कई साल पहले एक शख्स से करीब तीन लाख रुपए कर्ज में लिए थे। उसे पैसे चुकाए लेकिन वह यही कहता रहा कि उसका कर्ज अभी तक पूरा नहीं हुआ। यहां लोग ऐसा ही करते हैं और अमेरी जैसे लोगों का कोई सुनने वाला नहीं है।
दक्षिणी पाकिस्तान में अमेरी की कहानी तो एक उदाहरण मात्र हैं यहां जिस किसान हिन्दू परिवार से पूछो वही कुछ ऐसी दुख भरी कहानी सुनाता है। कोई छोटा-मोटा कर्ज भी लेता है तो वह हमेशा के लिए हो जाता है। कई बार विवादों को निपटाने के तौर पर हिन्दुओं की बेटियों को छीन लिया जाता है।
अमेरी ने बताया कि वह अपनी बेटी को वापस पाने लिए पुलिस के पास गईं और फिर अदालत लेकिन उनकी कोई सुनने वाला। उन्होंने बताया कि साहूकार ने उनकी बेटी को मुसलमान बना दिया है और उसे अपनी दूसरी बीवी के तौर पर रख रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस आधुनिक जमाने में भी पाकिस्तान में करीब 20 लाख लोग गुलामों की जिंदगी जी रहे हैं। वहीं ग्लोबल स्लैवरी इंडेक्स 2016 के अनुसार पाकिस्तान सबसे ज्यादा गुलामों वाला तीसरा देश है। पाकिस्तान में गरीबों को खासकर हिन्दुओं को या तो खेतों में बंधुआ मजदूर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है या फिर ईंट भट्ठे घरों में नौकर बनाकर रखा जाता है।
साउथ एशिया पार्टनरशिप ऑर्गनाइजेशन के आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान में हर साल करीब 1000 हिन्दु व इसाई लड़कियों (इनमें से ज्यादातर नाबालिग होती हैं) को उनके घरों से उठा लिया जाता है और उनका धर्मान्तरण करने के बाद उसने से शादी कर ली जाती है।
Bureau Report
Leave a Reply