पेइचिंग: चीन भारत के अंतर महाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि-5 के परीक्षण पर सवाल उठाने की तैयारी में है। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा है कि वह इस मामले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सामने उठाएंगे। चीन सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्यों में से एक है।
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि भारत नाभिकीय आयुध ले जाने वाली बलिस्टिक मिसाइल बना सकता है या नहीं, इस संबंध में सुरक्षा परिषद के स्पष्ट नियम हैं। चीन के विदेश मंत्रालय ने भारतीय और जापानी मीडिया की उन रिपोर्ट्स पर चिंता जताई, जिसमें अग्नि-5 को चीन का काउंटर बताया जा रहा है।
हुआ चुनयिंग ने कहा कि इस संबंध में भारत से पूछा जाना चाहिए कि परीक्षण के पीछे उनका क्या उद्देश्य है। गौतरलब है कि अग्नि-5 की मारक क्षमता एशिया और यूरोप के ज्यादातार हिस्सों तक है। इसी वजह से मीडिया के एक तबके ने इसे पाकिस्तान और चीन का काउंटर बताने वाली रिपोर्ट की है।
इस बीच यहां विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि भारत की रणनीतिक क्षमता किसी खास देश को निशाना बनाकर नहीं है। भारत सभी अंतरराष्ट्रीय जरूरतों का पालन करता रहा है और उम्मीद करता है कि दूसरे भी यही करेंगे। भारत की रणनीतिक आजादी से स्थायित्व हासिल होता है। चीन की तरफ से यह बयान ठीक उसी दिन आया जिस दिन उसने 2018 में चांद पर जाने की अपनी योजना पर श्वेत पत्र जारी किया।
पेइचिंग ने यह भी दावा किया है कि वह अपने स्पेस सायेंस का इस्तेमाल शांति कार्यों के लिए करेगा। हुआ चुनयिंग ने कहा कि चीन पूरे इलाके में दीर्घकालीन शांति, स्थायित्व और खुशहाली के लिए भारत समेत पड़ोसी देशों के साथ मिलकर काम करने का इच्छुक है। उन्होंने इसका भी उल्लेख किया कि दोनों देश इस सहमति पर भी पहुंच चुके हैं कि वे एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी नहीं, बल्कि सहयोगी हैं।
हुआ ने भरोसा जताया कि मीडिया इस मसले को संवेदनशील तरीके से भी उठा सकता है। इसके अलावा ऐसे दूसरे काम भी कर सकता है जिससे दोनों देशों के बीच भरोसा बढ़े और क्षेत्र में स्थायित्व और शांति रहे।
Bureau Report
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