प्रधानमंत्री ने 1000 और 500 रुपए के नोट बंद कर 2000 रुपए का नोट निकाला, इसका क्या तुक था?

प्रधानमंत्री ने 1000 और 500 रुपए के नोट बंद कर 2000 रुपए का नोट निकाला, इसका क्या तुक था?जयपुर: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि नोटबंदी से कितने लोगों को लाभ मिला यह कहना मुश्किल है मगर ब्लैकमनी व्हाइट नहीं हुई और ब्लैकमनी ब्लैक ही रही। प्रधानमंत्री ने 1000 और 500 रुपए के नोट बंद कर 2000 रुपए का नोट निकाला, इसका क्या तुक था? क्या मंशा थी? इसका जवाब प्रधानमंत्री देशवासियों को दें।

कांग्रेस मुख्यालय पर पुष्पांजलि कार्यक्रम में शिरकत करने आए गहलोत ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उपरोक्त सवाल का जवाब आ जाने पर उन तमाम सवालों का जवाब आ जाएगा कि इसके पीछे असल मंशा क्या थी। यह 2000 का नोट चल भी नहीं पाया क्योंकि छुट्टे के चक्कर में उसको खर्च करने की समस्या बन गई, इससे कई तरह की परेशानियां पैदा हो रही हैं। 

उन्होंने कहा कि मोदी ने नोटबंदी करके जो नया सिद्धांत प्रतिपादित किया है, उससे बड़े-बड़े साहूकार, उद्योगपति और व्यापारी लाइन में लगते तो वास्तव में लगता कि मोदी ने ऐसा कुछ कर दिया जिसमें पारदर्शिता रहेगी। गहलोत ने कांग्रेस द्वारा विरोध प्रदर्शन को लेकर कहा कि कांग्रेस जिला स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक विरोध प्रदर्शन का कार्यक्रम बना रही है। हम जनता को बताएंगे कि मोदी के फैसलों से जनता को लाभ नहीं, बल्कि परेशानियों का सामना करना पड़ा। 

मुख्यमंत्री के नववर्ष पर जयपुर से बाहर रहने के सवाल पर गहलोत ने कहा कि हमारी मुख्यमंत्री नववर्ष, दीपावली, होली पर अधिकांशत: बाहर ही रहती हैं। एक प्रकार से यह उनकी परम्परा ही बन गई है। अपनी-अपनी सोच है।  

Bureau Report

 

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